अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही विवादों में रहे डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर अपने व्यवहार को लेकर चर्चा में हैं. ट्रंप अमेरिकी परंपरा के मुताबिक राष्ट्रपति बनने के बाद दुनिया के तमाम देश के राष्ट्राध्यक्षों से फोन पर बात कर रहे हैं. इसी दौरान ट्रंप ने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल को भी फोन किया, लेकिन इस बातचीत को ट्रंप ने बेहद बुरा करार दिया.
घंटे भर होनी थी बात, 25 मिनट में ही काटा फोन
अमेरिकी अखबारों में व्हाइट हाउस अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के हवाले से बताया गया है कि ट्रंप ने फोन पर बातचीत में टर्नबुल को खूब खरी-खोटी सुनाई. इन दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच बातचीत के लिए एक घंटे का समय तय किया गया था, लेकिन 25 मिनट बाद ही नाराज ट्रंप ने फोन काट दिया.
ऑस्ट्रेलिआई पीएम पर क्यों भड़के ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप को यह गुस्सा उस बात से आया, जिसमें टर्नबुल ने अमेरिका के उस वादे की याद दिलाई, जिसमें कहा गया था कि ऑस्ट्रेलिया के एक डिटेंशन सेंटर में रह रहे 1,250 शरणार्थियों को US अपने यहां आने देगा. इसके जवाब में ट्रंप ने कहा, 'यह अब तक की सबसे खराब डील है.' ट्रंप ने टर्नबुल पर भड़कते हुए कहा कि वह 'बोस्टन पर अगला बम हमला करने वालों' को अमेरिका में निर्यात करने की कोशिश कर रहे हैं.
'टर्नबुल से बातचीत सबसे खराब'
अखबार के मुताबिक, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री टर्नबुल से बातचीत में डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में मिली भारी-भरकम जीत को लेकर शेखी बघारी. ट्रंप ने टर्नबुल से कहा कि उन्होंने 4 राष्ट्राध्यक्षों को भी फोन किया, रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ भी बातचीत की है, लेकिन उन सभी के मुकाबले आपसे की गई मेरी बातचीत सबसे खराब रही है.'
ट्रंप ने बुधवार रात एक ट्वीट कर इस समझौते की जानकारी दी. उन्होंने, 'आप इस पर यकीन कर पाएंगे? ओबामा प्रशासन ऑस्ट्रेलिया से हजारों अवैध प्रवासियों को अमेरिका में लाने के लिए राजी हो गया था. क्यों? मैं इस बेवकूफाना समझौते के बारे में विस्तार से पढूंगा.'
Do you believe it? The Obama Administration agreed to take thousands of illegal immigrants from Australia. Why? I will study this dumb deal!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) February 2, 2017
अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि ट्रंप ने बाकी राष्ट्राध्यक्षों के साथ भी इसी तरह बातचीत की. उनका यह व्यवहार वैसा ही है, जैसा कि वह अपने राजनीतिक विरोधियों और मीडिया संगठनों के खिलाफ करते हैं.
ऑस्ट्रेलिया अमेरिका के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक है, ऐसे में टर्नबुल से ट्रंप का इस तरह बात करना हैरान करता है. दोनों देश खुफिया जानकारियां साझा करते हैं, कूटनीतिक सहयोग करते हैं और इसके अलावा इराक और अफगानिस्तान युद्ध में भी दोनों देश मिलकर लड़े हैं.