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Donald Trump ने मास डिपोर्टेशन नीति का किया बचाव, बोले- 'हम झूठे और धोखेबाजों को भेज रहे हैं घर'

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को कंजर्वेटिव पॉलिटिकल एक्शन कॉन्फ्रेंस (CPAC) को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा, 'धोखाधड़ी करने वालों, झूठ बोलने वालों, ग्लोबलिस्ट और डीप स्टेट ब्यूरोक्रेट्स का बोरिया बिस्तर बांधकर वापस भेज रहे हैं.' उन्होंने कहा, 'अवैध विदेशी अपराधियों को घर भेजा जा रहा है.'

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US President Donald Trump. (File photo)
US President Donald Trump. (File photo)

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अवैध विदेशी नागरिकों के बड़े पैमाने पर निर्वासित किए जाने के अपने फैसले का बचाव किया है. उन्होंने कहा कि उनका प्रशासन, धोखेबाजों, झूठों, ग्लोबलिस्ट और डीप स्टेट ब्यूरोक्रेट्स को घर भेजकर दलदल को सूखा रहे हैं.

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ट्रंप ने अवैध प्रवासियों के बड़े पैमाने पर निर्वासन को एक प्रमुख नीति बना दिया है. 

वाशिंगटन के बाहर शनिवार को कंजर्वेटिव पॉलिटिकल एक्शन कॉन्फ्रेंस (सीपीएसी) को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा, 'धोखाधड़ी करने वालों, झूठ बोलने वालों, धोखेबाजों, ग्लोबलिस्ट और डीप स्टेट ब्यूरोक्रेट्स का बोरिया बिस्तर बांधकर वापस भेज रहे हैं.'

हम दलदल खत्म कर रहे हैं: ट्रंप

उन्होंने कहा, 'अवैध विदेशी अपराधियों को घर भेजा जा रहा है. हम दलदल को खत्म कर रहे हैं और लोगों द्वारा सरकार बहाल कर रहे हैं.'

अनधिकृत प्रवासियों का आबादी में बड़ा हिस्सा

प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार 2022 तक अनधिकृत प्रवासियों ने कुल अमेरिकी आबादी का 3.3 प्रतिशत और विदेशी मूल की 23 प्रतिशत आबादी प्रतिनिधित्व करते हैं.

डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद से ही अमेरिकी आव्रजन सिस्टम के कुछ हिस्सों में आमूलचूल बदलाव किए. इसके बाद उन्होंने बड़े पैमाने पर अवैध प्रवासियों का निर्वासन और गिरफ्तारियां शुरू कर दी हैं.

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'8 हजार से ज्यादा लोग गिरफ्तार'

होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने एक्स पर एक पोस्ट किया और बताया कि 3 फरवरी तक उसके एजेंटों ने 8,768 लोगों को गिरफ्तार किया था.

अवैध प्रवासियों के खिलाफ ट्रंप प्रशासन द्वारा की जा रही कड़ी कार्रवाई के बीच कुल 332 भारतीयों के तीन जत्थों को पहले ही अमेरिका से भारत वापस भेजा जा चुका है.

अमेरिका से निर्वासित भारतीयों का एक ग्रुप हाल ही में पनामा पहुंचा, जब राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो ने इस बात पर सहमति जताई कि उनका देश निर्वासितों के लिए एक ब्रिज देश की तरह काम करेगा और निर्वासित लोगों को उनके देश पहुंचाने का पूरा खर्च अमेरिका उठाएगा.

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