अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रिसिप्रोकल टैरिफ के ऐलान कर दिया है. टैरिफ का ऐलान करते हुए ब्रिक्स देशों को चेतावनी दी और भारत पर भी निशाना साधा. साथ ही उन्होंने रूस-यूक्रेन वॉर खत्म करने की भी बातें कहीं हैं. उन्होंने कहा कि रिसिप्रोकल टैरिफ से नौकरियां बढ़ेंगी, कई चीजों की कीमतें कम होंगी, किसानों को मदद मिलेगी. चीन ने ऐसा किया है, उन्होंने हाई टैरिफ लगाए हैं. जिससे नौकरियां पैदा हुई. उनका कहना है कि उन्हें कनाडा के उत्पादों की जरूरत नहीं है.
ओवल ऑफिस में प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने रिसिप्रोकल टैरिफ पर बोलते हुए कहा, 'यह कुछ ऐसा है जो कई साल पहले किया जाना चाहिए था. चीन ने इसी काम को उस स्तर पर किया जो शायद पहले कभी किसी ने नहीं देखा...'
'कई छोटे देशों में ज्यादा हैं टैरिफ'
ट्रंप का कहना है कि परंपरागत रूप से भारत दुनिया के सबसे ज्यादा टैरिफ लगाने वाले देशों में से एक है. कुछ छोटे देश हैं जो वास्तव में अधिक टैरिफ लगाते हैं, लेकिन भारत कहीं ज्यादा टैरिफ वसूलता है. मुझे याद है जब हार्ले डेविडसन भारत में अपनी मोटरसाइकिलें नहीं बेच सकता था, क्योंकि भारत में टैक्स बहुत अधिक था, टैरिफ बहुत ज्यादा था और हार्ले को वहां निर्माण करने के लिए मजबूर होना पड़ा...लेकिन मुझे लगता है कि टैरिफ का भुगतान करने से बचने के लिए उन्होंने भारत में एक कारखाना बनाया. और यही वो चीज है जो लोग हमारे साथ कर सकते हैं, वह हमारे यहां कारखाना, एक प्लांट या जो कुछ भी हो बना सकते हैं. इनमें मेडिकल, कार, चिप्स और सेमीकंडक्टर शामिल हैं.'
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'भारत में मुश्किल है व्यापार करना'
ट्रंप ने पीएम मोदी और एलन मस्क की ब्लेयर हाउस में हुई मुलाकात पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुझे लगता है कि वह भारत में व्यापार करना चाहते हैं, लेकिन भारत में व्यापार करना बहुत मुश्किल है. वहां टैरिफ सबसे ज़्यादा हैं. वह व्यापार करने के लिए एक मुश्किल जगह है. मुझे लगता है कि उन्होंने संभवत इसलिए मुलाकात की, क्योंकि वह एक कंपनी चला रहे हैं. वह ऐसा कुछ कर रहे हैं, जिसके बारे में वह लंबे समय से दृढ़ता से महसूस करते रहे हैं..."
'कनाडा करता है बुरा व्यवहार'
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कहते हैं, 'कनाडा व्यापार के मामले में हमारे साथ बहुत बुरा व्यवहार करता रहा है, लेकिन अब कनाडा को इसकी कीमत चुकानी होगी. कनाडा सेना के मामले में सख्त रहा है, क्योंकि उनकी सैन्य लागत बहुत कम है. उन्हें लगता है कि हम अपनी सेना के ज़रिए उनकी रक्षा करेंगे जो कि अनुचित है...मुझे लगता है कि कनाडा हमारा 51वां राज्य बनने के लिए एक बहुत ही गंभीर दावेदार होगा.'
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'खत्म होना चाहिए रूस-यूक्रेन युद्ध'
अमेरिकी राष्ट्रपति रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करने पर बोलते हुए कहा, 'यूक्रेन युद्ध को समाप्त होना ही चाहिए. इस युद्ध में उस स्तर पर युवा की मौत हुई है जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से किसी ने नहीं देखा. ये एक हास्यास्पद युद्ध है और इसे खत्म होना ही चाहिए.राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ मेरी अच्छी बातचीत हुई. किसी ने कहा, मुझे पहले ज़ेलेंस्की को फोन करना चाहिए था. पर मुझे ऐसा नहीं लगता. मुझे पता है कि ज़ेलेंस्की एक सौदा करना चाहते हैं, क्योंकि उन्होंने मुझे ऐसा बताया था. लेकिन अब मुझे पता है कि रूस एक सौदा करना चाहता है.'
उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि रूस जैसी स्थिति वाला कोई देश उन्हें नाटो में शामिल होने की इजाजत दे सकता है. मुझे ऐसा होता नहीं दिख रहा. मेरा मानना है कि यही कारण है कि युद्ध शुरू हुआ, क्योंकि बाइडेन ने कहा कि यूक्रेन नाटो में शामिल हो सकता है और उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए था. यह एक ऐसा युद्ध है जो अगर मैं राष्ट्रपति होता तो कभी नहीं होता.'
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'जी-7 से रूस को बाहर करना एक गलती'
उन्होंने ये भी कहा कि मैं उन्हें (रूस को G7 में) वापस लाना पसंद करूंगा. मुझे लगता है कि उन्हें बाहर करना एक गलती थी...मुझे लगता है कि पुतिन वापस आना पसंद करेंगे. ओबामा और कुछ अन्य लोगों ने गलती की और उन्होंने रूस को बाहर कर दिया. यह बहुत संभव है कि अगर वह G8 होता तो हमें यूक्रेन के साथ समस्या नहीं होती...मेरा मानना है कि राष्ट्रपति पुतिन से जब मैंने कल उनसे बात की तो वह शांति चाहते हैं. मुझे लगता है कि अगर वह युद्ध खत्म करना नहीं चाहते तो मुझे बता देते. मुझे लगता है कि वह शांति देखना चाहते हैं.
वहीं, जब उनसे रिसिप्रोकल टैरिफ की रिलीज की तारीख के बारे में पूछा गया तो कॉमर्स सचिव के लिए चुने गए हॉवर्ड लुटनिक ने कहा, 'हमारे सभी अध्ययन 1 अप्रैल तक पूरे हो जाने चाहिए. इसलिए यदि राष्ट्रपति चाहें तो हम उन्हें 2 अप्रैल को शुरू करने का अवसर देंगे. इसलिए मुझे लगता है कि हम 1 अप्रैल को जाने के लिए तैयार होंगे और हम इसे राष्ट्रपति को सौंप देंगे और वे अपने निर्णय लेंगे. लेकिन याद रखें, यदि वे अपने टैरिफ हटाते हैं तो अमेरिकियों के लिए कीमतें कम हो जाएंगी, हमारा उत्पादन बढ़ जाएगा और हमारी लागत कम हो जाएगी. याद रखें यह दो-तरफा सड़क है. इसलिए इसे पारस्परिक कहा जाता है.'