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'ज्यादा खुश मत होना, ऐसा अंजाम होगा...', सत्ता में आते ही ट्रंप ने BRICS देशों को दे दी धमकी

डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले महीने दिसंबर में ब्रिक्स देशों को धमकी देते हुए कहा था कि अगर ब्रिक्स देशों ने अमेरिकी डॉलर को कमजोर करने का प्रयास किया तो वे उन पर 100 फीसदी टैरिफ लगा देंगे. उनकी यह धमकी ब्रिक्स गंठबंधन में शामिल देशों के लिए हैं, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं.

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डोनाल्ड ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद से ही डोनाल्ड ट्रंप एक्शन मोड में हैं. उन्होंने सबसे पहले ओवल ऑफिस पहुंचकर कई कार्यकारी आदेशों पर साइन किए. बाइडेन सरकार के कई फैसलों को पलटा गया तो कई नए फैसलों को मंजूरी दी गई. लेकिन अब खबर है कि ट्रंप ने ब्रिक्स को चुनौती दी है. 

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राष्ट्रपति ट्रंप ने ब्रिक्स देशों के समूह को धमकी देते हुए कहा है कि अगर ब्रिक्स अमेरिका विरोधी नीतियां लाता है तो उन्हें परिणाम भुगतने होंगे और वे खुश नहीं रह पाएंगे.

ट्रंप ने कहा कि इन देशों ने अमेरिका के हितों के विपरित कई चीजें करने की कोशिश की, अगर ये देश आगे भी ऐसा करते रहते हैं तो फिर उनके साथ जो होगा उसके बाद वे देश खुश नहीं रह पाएंगे.

ये भी पढ़ें-- फ्लोरिडा की ट्रिप और ट्रंप की जिद... कहानी अमेरिका के 'शीशमहल' की

बता दें कि ब्रिक्स में भारत भी शामिल है. ट्रंप ने पिछले महीने दिसंबर में भी ब्रिक्स देशों को धमकी देते हुए कहा था कि अगर ब्रिक्स देशों ने अमेरिकी डॉलर को कमजोर करने का प्रयास किया तो वे उन पर 100 फीसदी टैरिफ लगा देंगे. उनकी यह धमकी ब्रिक्स गंठबंधन में शामिल देशों के लिए हैं, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं.

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इसके साथ ही तुर्की, अजरबैजान और मलेशिया ने ब्रिक्स का सदस्य बनने के लिए आवेदन किया है. इसके अलावा कई अन्य देशों ने भी इसमें शामिल होने की इच्छा जताई है. हालांकि अमेरिकी डॉलर वैश्विक व्यापार में अब तक सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली मुद्रा है और अतीत में आई चुनौतियों के बावजूद अपनी श्रेष्ठता बनाए रखने में सफल रही है.

ब्रिक्स में शामिल सदस्यों और अन्य विकासशील देशों का कहना है कि वे वैश्विक वित्तीय प्रणाली में अमेरिका के प्रभुत्व से तंग आ चुके हैं. ब्रिक्स देश अमेरिकी डॉलर और यूरो पर वैश्विक निर्भरता को कम करते हुए अपने आर्थिक हितों को बेहतर तरीके से साधना चाहते हैं.

रूस ने की थी डॉलर के खिलाफ पैरवी 

पिछले साल अक्टूबर में हुए BRICS देशों के शिखर सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका पर डॉलर को हथियार बनाने का आरोप लगाते हुए इसे बड़ी गलती बताया था. उस समय पुतिन ने कहा था कि यह हम नहीं हैं जो डॉलर का उपयोग करने से इनकार कर रहे हैं. लेकिन अगर वे हमें काम नहीं करने दे रहे हैं, तो हम क्या कर सकते हैं? हमें विकल्प खोजने के लिए मजबूर होना पड़ता है.

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