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चीन की कठपुतली है... WHO से ट्रंप की क्यों ठनी? अमेरिका के बाहर होने से क्या होगा असर

डोनाल्ड ट्रंप लंबे समय से डब्ल्यूएचओ के आलोचक रहे हैं. 2019 में दुनियाभर में फैले कोरोना के लिए ट्रंप चीन को जिम्मेदार ठहराते रहे हैं. ट्रंप कई बार कह चुके हैं कि इस महामारी से बड़ी संख्या में लोगों की मौत के बावजूद डब्ल्यूएचओ ने चीन के विरोध में एक शब्द नहीं कहा.

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डोनाल्ड ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस समय हाइपर एक्टिव मोड में हैं. 20 जनवरी को जब वह राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे तो कई चौंकाने वाले ऐलान कर सकते हैं. खबर है कि वह विश्व स्वास्थ्य संगठन को लेकर भी बड़ा फैसला लेने वाले हैं.

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रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल के पहले दिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से हटने का ऐलान कर सकते हैं. इसे लेकर उनकी ट्रांजिशन टीम तैयारी कर रही है.

वॉशिंगटन में जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के ग्लोबल हेल्थ प्रोफेसर लॉरेंस गॉस्टिन का कहना है कि ट्रंप डब्ल्यूएचओ से हटने की योजना बना रहे हैं, वह शायद राष्ट्रपति के तौर पर अपने पहले दिन ही इसका ऐलान कर सकते हैं.

डब्ल्यूएचओ के आलोचक रहे हैं ट्रंप

ट्रंप लंबे समय से डब्ल्यूएचओ के आलोचक रहे हैं. 2019 में दुनियाभर में फैले कोरोना के लिए ट्रंप चीन को जिम्मेदार ठहराते रहे हैं. ट्रंप कई बार कह चुके हैं कि इस महामारी से बड़ी संख्या में लोगों की मौत के बावजूद डब्ल्यूएचओ ने चीन के विरोध में एक शब्द नहीं कहा. ट्रंप का कहना है कि डब्ल्यूएचओ ने इस त्रासदी के लिए चीन को आज तक जिम्मेदार नहीं ठहराया. 

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ट्रंप डब्ल्यूएचओ को चीन की कठपुतली बता चुके हैं. अगर ट्रंप के इस फैसले के बाद अमेरिका डब्ल्यूएचओ से हटता है तो यह अमेरिका की हेल्थ पॉलिसी में बहुत बड़ा शिफ्ट साबित होगा. 

एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर ट्रंप डब्ल्यूएचओ से हटते हैं, तो यह अमेरिकी स्वास्थ्य नीति में बड़ा बदलाव होगा और अमेरिका को वैश्विक महामारी से लड़ने के उसके प्रयासों से अलग कर देगा. 

रॉबर्ट कैनेडी जूनियर हैं वैक्सीन विरोधी

ट्रंप की नई सरकार में शामिल होने वाले स्वास्थ्य मंत्री रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर वैक्सीन विरोधी हैं. उनका कहना है कि वैक्सीन से ऑटिज्म और अन्य बीमारियां होने का खतरा हो सकता है. उन्हें इस पद के लिए चुनना दरअसल ये संकेत देता है कि ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ से अलग होने का फैसला कर लिया है. 

बता दें कि ट्रंप ने 2020 में ही डब्ल्यूएचओ से अमेरिका के अलग होने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी लेकिन छह महीने बाद ही जो बाइडेन ने राष्ट्रपति बनकर उनके इस फैसले को पलट दिया.

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