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गल्फ ऑफ मेक्सिको का नाम बदलकर करेंगे गल्फ ऑफ अमेरिका... शपथ ग्रहण से पहले ट्रंप ने बताया 9 सूत्रीय प्लान

अमेरिका का राष्ट्रपति पद संभालने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप ने अपने 9 सूत्रीय एजेंडे की घोषणा कर दी है. इस एजेंडे में ट्रंप ने बताया है कि वह अमेरिकी सत्ता संभालने के बाद सबसे पहले किन चीजों पर फोकस करने वाले हैं.

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Donald Trump (File Photo)
Donald Trump (File Photo)

डोनाल्ड ट्रंप जल्द ही अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने वाले हैं. अमेरिकी सत्ता पर उनके काबिज होने की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही है, दुनिया के लोगों में यह जानने की इच्छा भी बढ़ती जा रही है कि शपथ लेते ही ट्रंप कौन से काम सबसे पहले करेंगे. ऐसे में ट्रंप ने शपथ ग्रहण से पहले अपना 9 सूत्रीय प्लान सामने रख दिया है.

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अमेरिकी राज्य फ्लोरिडा में अपने मार-ए-लागो रिसॉर्ट में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने अपना एजेंडा बताया. यहां उन्होंने कनाडा से लेकर मेक्सिको और ग्रीनलैंड से लेकर पनामा तक सभी मुद्दों पर अपनी योजना के बारे में खुलकर बात की. ट्रंप ने कनाडा और मेक्सिको पर प्रतिबंध लगाने की बात दोहराई तो वहीं इजरायली नागरिकों को बंधक बनाने वाले हमास को भी कड़ी चेतावनी दे डाली. आइए जानते हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति बनते ही डोनाल्ड ट्रंप का 9 सूत्रीय एजेंडा क्या होने वाला है.

निवेश को लेकर कही ये बात

डोनाल्ड ट्रंप का पूरा फोकस अमेरिका में निवेश को बढ़ावा देना और लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने पर है. इस मुद्दे पर बात करते हुए ट्रंप ने कहा है कि डैमक प्रॉपर्टीज (अमीराती संपत्ति विकास कंपनी) अमेरिका में 20 बिलियन डॉलर का नया निवेश करेगी.

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बाइडेन के फैसले को पलटेंगे

जो बाइडेन ने जलवायु एजेंडे को प्राथमिकता देते हुए कई इलाकों के समुद्र में तेल और गैस ड्रिलिंग पर प्रतिबंध लगा दिया था. डोनाल्ड ट्रंप इस प्रतिबंध को खत्म करने पर आमादा हैं. उन्होंने ऐलान कर दिया है कि जैसे ही वह अमेरिका के राष्ट्रपति बनेंगे तो गैस-तेल ड्रिलिंग पर लगे प्रतिबंध को तुरंत वापस ले लेंगे.

पनामा और ग्रीनलैंड पर क्या कहा?

ट्रंप ने पनामा नहर, ग्रीनलैंड पर सैन्य कार्रवाई से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि पनामा नहर पर अभी उनके (पनामा) साथ चर्चा चल रही है. हालांकि, एपी की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने पनामा नहर और ग्रीनलैंड पर नियंत्रण पाने के लिए सैन्य बल के प्रयोग की संभावना से इनकार नहीं किया है. ट्रम्प ने कहा कि वह ग्रीनलैंड की बजाय डेनमार्क पर टैरिफ लगाने पर विचार करेंगे.

मेक्सिको-कनाडा पर लगाएंगे टैरिफ

डोनाल्ड ट्रंप शपथ लेने से पहले ही कनाडा के साथ-साथ मेक्सिको पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान कर चुके हैं. अपने 9 सूत्रीय एजेंडे में भी उन्होंने मेक्सिको और कनाडा पर टैरिफ लगाने की बात दोहराई है. ट्रंप ने कहा है कि वह मेक्सिको-कनाडा पर तगड़े टैरिफ लगाने जा रहे हैं. कनाडा पर सीधे चोट करने की जगह वह आर्थिक बल का प्रयोग करेंगे.

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मेक्सिको की खाड़ी का बदलेंगे नाम

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने एक ऐलान से लोगों को हैरानी में डाल दिया है. उन्होंने घोषणा की है कि वह मेक्सिको की खाड़ी (Gulf of Mexico) का नाम बदलकर अमेरिका की खाड़ी (Gulf of America) कर देंगे. उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में कहा है कि अमेरिका की खाड़ी कितना सुंदर नाम है और यह उचित भी है.

नई पवन चक्कियां बनाने पर रोक

डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया है कि वह पदभार संभालने के बाद नई पवन चक्कियां बनाने पर रोक लगा देंगे. उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका में कोई नई पवन चक्कियां नहीं बनाई जाएंगी. उनका ये ऐलान सीधे तौर पर जो बाइडेन प्रशासन को फटकार है, क्योंकि हाल ही में बाइडेन प्रशासन ने 11 कमर्शियल अपतटीय पवन परियोजनाओं को मंजूरी दी है.

कैपिटल हिल के आरोपियों को क्षमादान!

डोनाल्ड ट्रंप ने एक और चौंकाने वाला ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि वह कैपिटल हिल हिंसा से संबंधित लोगों को क्षमादान दे देंगे. बता दें कि 2021 में डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव हारने के बाद उनके समर्थकों ने अमेरिकी संसद कैपिटल हिल पर धाना बोल दिया था. ट्रंप पर तब नतीजों को पलटने की साजिश रचने का आरोप भी लगा था.

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हमास को दे डाली कड़ी चेतावनी

डोनाल्ड ट्रंप के एजेंडे में शामिल एक और बात ने लोगों को संशय में डाल दिया है. ट्रंप ने कहा है कि अगर उनके पदभार ग्रहण करने तक हमास ने इजरायल के बंधकों को नहीं छोड़ा तो सब कुछ गड़बड़ हो जाएगा. सब कुछ बिगड़ जाएगा. उनकी इस धमकी को एक तरह से हमास के लिए डेडलाइन के तौर पर देखा जा रहा है. अगर ऐसा नहीं होता है तो ट्रंप कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं.

ऋण सीमा के विस्तार की कही बात

डोनाल्ड ट्रंप ने ऋण सीमा बढ़ाए जाने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि वह चाहते हैं कि अमेरिकी कांग्रेस देश की ऋण सीमा को बढ़ाए. उन्होंने कहा कि वह संघीय सरकार को अपने ऋण पर चूक करते हुए नहीं देखना चाहते, जो वर्तमान में 36 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा है. दरअसल, अमेरिकी सरकार हर बार उधार लेकर बजट में खर्च किए जाने वाले पैसों की पूर्ति करती है.

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