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'खूनखराबा नहीं चाहते, रक्षा मंत्री को हटाओ...,' रूस में क्या बोले बागी वैगनर आर्मी चीफ?

रूस में 12 घंटे की उठापटक के बाद आखिर पुतिन सरकार और वैगनर ग्रुप के बीच समझौता हो गया है. जिसके बाद वैगनर के लड़ाकों ने अपना मार्च रोक दिया है. वो मॉस्को से फिर से यूक्रेन की तरफ लौटने लगे हैं. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने बताया कि वैगनर ग्रुप के लड़ाके समझौते के तहत पड़ोसी देश बेलारूस चले जाएंगे. आपराधिक मुकदमे भी वापस लिया जाएगा.

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प्राइवेट आर्मी के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन और रूस सरकार के बीच समझौता हो गया है. (फाइल फोटो)
प्राइवेट आर्मी के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन और रूस सरकार के बीच समझौता हो गया है. (फाइल फोटो)

रूस में बगावत थमती नजर आ रही है. भाड़े की प्राइवेट आर्मी के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन ने यूटर्न ले लिया है. उन्होंने अपनी वैगनर आर्मी को वापस बुला लिया है. उन्होंने मॉस्को पर हमले करने का फैसला वापस ले लिया है. इसके पीछे कारण भी बताया है और कहा है कि वो रूसी लोगों के साथ खूनखराबा नहीं करना चाहते हैं. उन्होंने रूस के रक्षा मंत्री को हटाने की मांग की है. 

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भाड़े की आर्मी के बॉस प्रिगोझिन ने बताया कि उनके लड़ाके पिछले 24 घंटे से मॉस्को की तरफ मार्च कर रहे थे. वे मास्को से 200 किमी दूर थे. शनिवार को उन्होंने कहा, खूनखराबे से बचने के लिए लड़ाकों को पीछे हटने और अपने कैंप में लौटने का आदेश दिया है. इससे पहले प्रिगोझिन ने कहा था, वो सेना के शीर्ष अधिकारियों को हटाना चाहते हैं और न्याय चाहते हैं. वहीं, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि विद्रोह करने वालों को कुचल दिया जाएगा.

'पुतिन की सहमति पर मध्यस्थता पर बात'

इस बीच, बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के कार्यालय की तरफ से बयान जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि उन्होंने पुतिन की सहमति से प्रिगोझिन से बात की और वैगनर के प्रमुख तनाव को कम करने पर राजी हो गए हैं. मीडिया रिपोर्टस के अनुसार, वैगनर ग्रुप यानी भाड़े के सैनिकों को माफी की पेशकश की गई थी. उन्हें जल्द ही हथियार समेत सरेंडर करने के लिए कहा गया था.

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'कभी पुतिन के करीबी थे प्रिगोझिन'

बता दें कि फरवरी 2022 में रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हो गया था. तब रूस की तरफ से प्राइवेट आर्मी भी युद्ध के मैदान में उतारी गई. इस आर्मी के चीफ प्रिगोझिन हैं. वो कभी पुतिन के बेहद करीबी माने जाते थे. रूस में एक्शन रोकने पर सहमति बनने के बाद प्रिगोझिन ने बयान जारी किया. इसमें उन्होंने कहा, उनके लोग मास्को से सिर्फ 200 किलोमीटर दूर थे. उन्होंने 'रूसी खून बहाने' से बचने के लिए पीछे हटने का फैसला किया है. उन्होंने अपने सैनिकों को यूक्रेन में उनके फील्ड शिविरों में वापस जाने का आदेश दिया है.वहां वो रूसी सैनिकों के साथ युद्ध के मैदान में हैं.

रूस

'रूसी रक्षा मंत्री को हटाने की मांग'

प्रिगोझिन ने रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु को हटाने की मांग की है. वो लगातार यूक्रेन युद्ध के संचालन को लेकर शोइगु को घेर रहे हैं और सवाल उठा रहे हैं. शुक्रवार को प्रिगोझिन ने शोइगु पर बड़े आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा था कि शोइगु के इशारे पर सैन्य बलों ने वैगनर शिविरों पर हमला किया, जिसमें 'बड़ी संख्या में हमारे साथियों' को मारा गया है. हालांकि, रक्षा मंत्रालय ने इससे इनकार किया है.

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'रूसी राष्ट्रपति के पाले में गेंद'

प्रिगोझिन ने यह नहीं बताया कि क्रेमलिन ने उनकी मांग पर प्रतिक्रिया दी है या नहीं. सरकारी प्रवक्ता पेसकोव ने कहा कि शोइगु के मुद्दे पर वार्ता के दौरान चर्चा नहीं की जा सकती थी. यह मध्यस्थता बेलारूस के राष्ट्रपति की तरफ से की गई थी. शोइगु को लेकर 'कमांडर इन चीफ का विशेष विशेषाधिकार' है, वो ही फैसला ले सकते हैं.

रूस

क्या यह तख्तापलट है? 

प्रिगोझिन का दावा था कि सैन्य तख्तापलट के सभी दावे बेतुके हैं. यह विवाद वैगनर आर्मी के सैनिकों को पर्याप्त किट और गोला-बारूद उपलब्ध कराने में सेना की विफलता पर शुरू हुआ था. लेकिन अब यह प्राइवेट आर्मी रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु और सशस्त्र बलों के प्रमुख वालेरी गेरासिमोव के लिए सीधी चुनौती बन गई है. हालांकि प्रिगोझिन का स्पष्ट कहना है कि अब तक यह तख्तापलट नहीं है, क्योंकि सरकार से सत्ता छीनने की कोई कोशिश नहीं की गई है. बताते चलें कि प्रिगोझिन की प्राइवेट आर्मी रूसी सेना का सीधे प्रतिनिधित्व नहीं करती है, हालांकि वह रूसी सेना को व्यापक समर्थन जरूरी देती है. 

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चेचन ने कही रूस को समर्थन देने की बात 

इसके अलावा रूस के ही एक अन्य प्राइवेट सैन्य संगठन 'चेचन' के नेता रमजान कादिरोव ने अपना रुख स्पष्ट किया है. उनका कहना है कि अगर देश में गृह युद्ध होता है तो चेचन के सैनिक रूसी सरकार के साथ खड़ी होगी और वैगनर को करारी शिकस्त देने में रूसी सेना की मदद करेगी. उन्होंने कहा कि चेचन के सैनिक तनाव क्षेत्र की ओर बढ़ रहे हैं और वे रूस की आधिकारिक सैन्य टुकड़ियों के साथ देश की रक्षा में खड़े रहेंगे. बता दें कि चेचन में व्यापक सैन्य बलों की कमान संभालने वाले कादिरोव को पहले प्रिगोझिन के सहयोगी के रूप में देखा जाता था. लेकिन इस युद्ध में वे देश के साथ खड़े हैं.

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