क्रेमलिन के ऊपर बुधवार को दुर्घटनाग्रस्त हुआ ड्रोन रूस के अंदर से लॉन्च किया गया हो सकता है. अमेरिका स्थित ड्रोन विशेषज्ञों ने ये दावा किया है. रूस ने बुधवार को कहा कि यूक्रेन ने मास्को में क्रेमलिन पर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की हत्या के लिए ड्रोन से हमला किया था. क्रेमलिन पर हमले में किसी भी भूमिका से इनकार करते हुए यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के प्रेस सचिव ने कहा कि उन्हें क्रेमलिन पर हमलों के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
रेजिलिएंट नेविगेशन एंड टाइमिंग फाउंडेशन के अध्यक्ष दाना गोवर्ड ने कहा कि मास्को वर्ष 2015 से ही क्रेमलिन को ड्रोन से बचाने को लेकर काफी सतर्क है. उसने ड्रोन हमले से खुद को बचाने के लिए ऑटोमेटिक तौर पर कई उपकरण लगा रखे हैं.
गोवर्ड का मानना है कि हमले में इस्तेमाल किए गए ड्रोन मध्य आकार के थे और संभवत जीपीएस का उपयोग नहीं हो रहा था. लेकिन वह मैन्युअल रूप से कंट्रोल किया जा रहा था.
गोवर्ड ने कहा कि क्रेमलिन के पास रडार और विज़ुअल ट्रैकिंग पर आधारित कई क्लोज-डिफेंस सिस्टम हैं जो इसे ड्रोन और यहां तक कि मिसाइलों से बचा सकते हैं.
एक अन्य ड्रोन विशेषज्ञ ब्लेक रेसनिक जो ड्रोन निर्माता BRINC के संस्थापक और सीईओ भी हैं, उन्होंने कहा कि यह आश्चर्यजनक बात है कि ड्रोन उड़ान भरने में सक्षम थे और किसी को कोई जानकारी नहीं हुई.
रेसनिक ने कहा, 'यह आश्चर्य की बात है कि ड्रोन पूरे मास्को से क्रेमलिन तक उड़ने में सक्षम था, लेकिन उसके बारे में पता नहीं चला और उसे नष्ट नहीं किया गया.
मालूम हो कि हमले के बाद रूस का कहना था कि यू्क्रेन ने अमेरिका के कहने पर इस घटना को अंजाम दिया. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि यूक्रेन वही करता है, जो उसे कहा जाता है. इस तरह के हमले के फैसले कीव में नहीं बल्कि वॉशिंगटन में लिए जाते हैं. रूस ने दो टूक कहा है कि क्रेमलिन पर ड्रोन हमले का मास्टरमाइंड अमेरिका है. इस हमले की पूरी प्लानिंग वॉशिंगटन में रची गई थी, जिसे यूक्रेन ने आंख मूंदकर अंजाम दिया.