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Earthquake: भूकंप के झटके से कांपा चिली, अफगानिस्तान में भी डोली धरती

जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (जीएफजेड) की ओर से जानकारी दी गई है कि चिली-अर्जेंटीना सीमा क्षेत्र में 5.7 तीव्रता का भूकंप आया. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी की ओर से बताया गया कि रात करीब 12.10 बजे अफगानिस्तान के फैजाबाद से 93 किमी दक्षिण पूर्व में 4.4 तीव्रता का भूकंप आया.

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सांकेतिक फोटो
सांकेतिक फोटो

चिली में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.7 तीव्रता मापी गई है. इसे हल्के से मध्य तीव्रता का झटका बताया गया है. इस भूकंप के झटके के कारण किसी तरह के जान-माल की क्षति नहीं सामने आई है. वहीं रविवार देर रात (12 बजे के बाद 10 जुलाई को) को अफगानिस्तान की भी धरती कांपी है. यहां भी हल्की ही तीव्रता का झटका महसूस किया गया है.

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सुनामी का खतरा नहीं
जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (जीएफजेड) ने कहा कि रविवार (9 जुलाई) को चिली-अर्जेंटीना सीमा क्षेत्र में 5.7 तीव्रता का भूकंप आया. जीएफजेड ने कहा कि भूकंप 112 किलोमीटर (69.59 मील) की गहराई पर था. चिली के अधिकारियों ने इस भूकंप के कारण तत्काल क्षति या चोटों की सूचना नहीं दी है. चिली की राष्ट्रीय आपदा रोकथाम और प्रतिक्रिया सेवा (SENAPRED) ने कहा कि भूकंप से सुनामी उत्पन्न होने का खतरा नहीं है. यह भूकंप सुनामी उत्पन्न करने की शर्तों को पूरा नहीं करता है. 

अफगानिस्तान में भी हिली धरती
वहीं इसके साथ ही ,नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी की ओर से बताया गया कि रात करीब 12.10 बजे अफगानिस्तान के फैजाबाद से 93 किमी दक्षिण पूर्व में 4.4 तीव्रता का भूकंप आया. भूकंप की गहराई 180 किलोमीटर थी.

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30 मार्च 2023 को भी आए थे भूकंप
इसके पहले इसी साल 30 मार्च 2023 को चिली और अफगानिस्तान में एक साथ भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. इस दिन चिली में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.2 मापी गई थी. इसका केंद्र चिली की राजधानी सैंटियागो से दक्षिण-पश्चिम में 328 किलोमीटर दूर बताया गया था. चिली में ये भूकंप 30 मार्च को 23:03:12 बजे आया था. इसका केंद्र जमीन के अंदर 13 किमी गहराई में था. इससे पहले बीते 23 मार्च को भी चिली में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.3 मापी गई थी.

इसी दिन चिली के बाद अफगानिस्तान में भी भूकंप के झटके महसूस हुए थे. काबुल के पास आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.4 मापी गई थी. इसका केंद्र काबुल से उत्तर-पूर्व में 189 किमी दूर और जमीन के अंदर गहराई में 152 किमी में था.

क्यों आता है भूकंप? 
धरती के अंदर सात टेक्टोनिक प्लेट्स हैं. ये प्लेट्स लगातार घूमती रहती हैं. जब ये प्लेट आपस में टकराती हैं, रगड़ती हैं. एकदूसरे के ऊपर चढ़ती या उनसे दूर जाती हैं, तब जमीन हिलने लगती है. इसे ही भूकंप कहते हैं. भूकंप को नापने के लिए रिक्टर पैमाने का इस्तेमाल करते हैं. जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल कहते हैं. रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल 1 से 9 तक होती है. भूकंप की तीव्रता को उसके केंद्र यानी एपीसेंटर से नापा जाता है. यानी उस केंद्र से निकलने वाली ऊर्जा को इसी स्केल पर मापा जाता है. 1 यानी कम तीव्रता की ऊर्जा निकल रही है. 9 यानी सबसे ज्यादा. बेहद भयावह और तबाही वाली लहर. ये दूर जाते-जाते कमजोर होती जाती हैं. अगर रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 7 दिखती है तो उसके आसपास के 40 किलोमीटर के दायरे में तेज झटका होता है

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