नेपाल के काठमांडु में रविवार की सुबह, किसी आम सुबह से अधिक व्यस्त थी. दुर्गा अष्टमी का दिन होने से लोग इस त्योहार की तैयारियों में लगे थे. पूजा-अनुष्ठान के लिए भागदौड़ जारी थी कि इसी बीच सुबह-सुबह धरती डोल उठी. लोगों को जैसे ही इसका अहसास हुआ. वह सब कुछ छोड़कर बाहर भागे. उनकी आंखों के डर था और जेहन में अप्रैल 2015 की वो दहशत जो यूं ही खामोश सन्नाटे की बीच उनकी जिंदगी में चली आई और जिसका डर अब नेपालियों की जिंदगी का हिस्सा बन गया है.
चार बार दर्ज किए गए भूकंप की झटके
बता दें कि नेपाल में रविवार सुबह चार बार भूकंप के झटके दर्ज किए गए. यूरोपीय भूमध्यसागरीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने कहा कि भारत-नेपाल सीमा पर भूकंप के झटके महसूस किए हैं. इसकी तीव्रता 6.1 रही है. भूकंप के ये झटके रविवार सुबह महसूस किए गए. नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने भी कहा कि रविवार को नेपाल में 6.1 तीव्रता का भूकंप आया.
इसमें कहा गया है कि भूकंप का केंद्र काठमांडू से लगभग 55 किमी (35 मील) पश्चिम में धाडिंग में था. धादिंग जिले के सबसे वरिष्ठ नौकरशाह बद्रीनाथ गैरे ने रॉयटर्स को बताया, "हमने बहुत तेज़ झटके महसूस किए. कुछ निवासी अपने घरों से बाहर निकल आए. ये झटके बागमती और गंडकी प्रांत के अन्य जिलों में भी महसूस किए गए, साथ ही भूकंप के झटके दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में भी महसूस किये गये हैं. भूकंप 13 किमी (8.1 मील) की गहराई पर था.
चार बर लगे भूकंप के झटके
नेपाल में जब भूकंप के झटके लगे, उस वक्त वहां लोग दुर्गाष्टमी त्योहार मनाने की तैयारी में जुटे थे. इसी दौरान सुबह 7:39 मिनट पर पहला भूकम्प आया. जिसकी तीव्रता रेक्टर स्केल पर 6.1 मापी गई है. इसके बाद दूसरा भूकंप का झटका 4.2 तीव्रता का 8:08 मिनट आया. इसके 20 मिनट बाद, तीसरा भूकम्प का झटका सुबह 8:28 मिनट पर महसूस किया गया, जिसकी तीव्रता 4.3 रही. इसके बाद 8:59 मिनट पर चौथी बार भूकंप का झटका महसूस किया गया.
20 घर पूरी तरह टूटे
हालांकि पहले हानियों को लेकर स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई थी, लेकिन ताजा अपडेट के मुताबिक आज सुबह से लगातार आ रहे भूकंप के झटकों में 20 घर पूरी तरह तरह से टूट गए हैं, जबकि 75 से अधिक घरों को आंशिक नुकसान पहुंचने की जानकारी मिली है. ये भूकंप के केन्द्र बिन्दु रहे धादिंग जिले के नुकसान की तस्वीरें भी आई हैं. धादिंग जिला प्रशासन के हवाले से गृह मंत्रालय ने बताया कि सुबह से चार बार आए भूकंप के झटकों में जिले के ज्वालामुखी गांवपालिका में 20 कच्चे घर पूरी तरह से टूट गए हैं. इस गांवपालिका के वार्ड नम्बर 5 के वार्ड अध्यक्ष कृष्ण प्रसाद काप्री ने बताया कि उनके वार्ड में 75 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है.
धादिंग पुलिस के प्रवक्ता सन्तुलाल जयसवाल ने बताया कि भूकम्प से नुकसान का पूर्ण विवरण अभी भी नहीं मिल पाया है. दूरदराज और दुर्गम क्षेत्र से नुकसान का विवरण संकलन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि भूकंप के कारण कच्ची घरों को ही नुकसान हुआ है.
बता दें कि अभी बीते 3 अक्टूबर को दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के तेज झटके लगे थे. इसका केंद्र नेपाल के बझांग जिले में था. उस दिन भी चार बार भूकंप के झटके लगे थे. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के एक अधिकारी ने कहा कि 4.6 तीव्रता का पहला भूकंप दोपहर 2:25 बजे पश्चिम नेपाल में 10 किलोमीटर की गहराई पर आया, इसके बाद 2:51 बजे 6.2 तीव्रता का झटका आया. दो और भूकंप 3.6 और 3.1 तीव्रता के 3:06 बजे और 3:19 बजे आए. भूकंप से नेपाल के बझांग में कई कच्चे मकान गिर गए थे.
25 अप्रैल 2015 का भूकंप, तबाह हो गया था काठमांडू
नेपाल मे 25 अप्रैल 2015 की सुबह 11 बजकर 56 मिनट पर भूकंप का जोरदार झटका महसूस किया गया था. भूकंप की तीव्रता 7.8 थी. भूकंप का केंद्र लामजुंग से 38 किलोमीटर दूर था और 15 किलोमीटर नीचे था. इस भूकंप ने राजधानी काठमांडु समेत कई शहरों को तबाह कर दिया था.
चार बर लगे भूकंप के झटके
नेपाल में जब भूकंप के झटके लगे, उस वक्त वहां लोग दुर्गाष्टमी त्योहार मनाने की तैयारी में जुटे थे. इसी दौरान सुबह 7:39 मिनट पर पहला भूकम्प आया. जिसकी तीव्रता रेक्टर स्केल पर 6.1 मापी गई है. इसके बाद दूसरा भूकंप का झटका 4.2 तीव्रता का 8:08 मिनट आया. इसके 20 मिनट बाद, तीसरा भूकम्प का झटका सुबह 8:28 मिनट पर महसूस किया गया, जिसकी तीव्रता 4.3 रही. इसके बाद 8:59 मिनट पर चौथी बार भूकंप का झटका महसूस किया गया.
बीते रविवार को दिल्ल-एनसीआर में लगे थे झटके
बता दें कि एक हफ्ते पहले दिल्ली-NCR में रविवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. दिल्ली के साथ ही नोएडा और गाजियाबाद में भी धरती हिली थी. उधर, हरियाणा के कई हिस्सों में भूकंप आया था. इससे पहले 3 अक्टूबर को राजधानी दिल्ली और एनसीआर में भूकंप के झटके लगे थे. भूकंप की तीव्रता इतनी जोरदार थी कि लोग अपने घरों से निकलकर सड़कों पर आ गए थे.
दिल्ली में आया था 3.1 तीव्रता का भूकंप
हालांकि भूकंप में किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं आई थी. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में आए भूकंप की तीव्रता 3.1 थी. भूकंप के झटके शाम 4 बजकर 8 मिनट पर महसूस किए गए थे. भूकंप का केंद्र हरियाणा का फरीदाबाद बताया जा रहा था. रविवार को छुट्टी होने की वजह से लोग अपने घरों में ही थे, लेकिन जैसे ही धरती हिली, लोग बाहर की ओर भागे. इस साल जनवरी से अब तक कई बार भूकंप दर्ज किया जा चुका है.
क्यों आता है भूकंप
धरती की ऊपरी सतह सात टेक्टोनिक प्लेटों से मिल कर बनी है. जहां भी ये प्लेटें एक दूसरे से टकराती हैं वहां भूकंप का खतरा पैदा हो जाता है. भूकंप तब आता है जब इन प्लेट्स एक दूसरे के क्षेत्र में घुसने की कोशिश करती हैं, प्लेट्स एक दूसरे से रगड़ खाती हैं, उससे अपार ऊर्जा निकलती है, और उस घर्षण या फ्रिक्शन से ऊपर की धरती डोलने लगती है, कई बार धरती फट तक जाती है, कई बार हफ्तों तो कई बार कई महीनों तक ये ऊर्जा रह-रहकर बाहर निकलती है और भूकंप आते रहते हैं, इन्हें आफ्टरशॉक कहते हैं.