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गोविंदपुर विधानसभा सीट: चार दशक से कौशल यादव के परिवार का डंका, क्या इस बार बदलेगा इतिहास?

गोविंदपुर विधानसभा सीट पर पिछले चार दशक से कौशल यादव के परिवार का ही कब्जा है. 1969 में पिता युगल किशोर सिंह यादव की जीत से शुरू राजनीतिक विरासत को कभी गायत्री देवी, तो कभी कौशल यादव ने संभाला.

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नवादा जिले की गोविंदपुर विधानसभा सीट पर पिछले चार दशक से कौशल यादव के परिवार का ही कब्जा है. 1969 में पिता युगल किशोर सिंह यादव की जीत से शुरू राजनीतिक विरासत को कभी गायत्री देवी, तो कभी कौशल यादव ने संभाला. अब इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर कौशल यादव की पत्नी पूर्णिमा यादव विधायक हैं. कौशल खुद नवादा से उपचुनाव जदयू के टिकट पर जीते हैं.

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गोविंदपुर विधानसभा सीट का राजनीतिक इतिहास
गोविंदपुर विधानसभा क्षेत्र में 1967 में पहला चुनाव हुआ, जहां से कांग्रेस के अमृत प्रसाद जीते. दो साल बाद 1969 में फिर चुनाव हुआ. इस बार गोविंदपुर की सियासत में लोकतांत्रिक कांग्रेस से युगल किशोर सिंह यादव की इंट्री हुई, जिन्होंने कांग्रेस के ही अमृत प्रसाद को मात्र 744 वोटों से मात दी. 1972 में कांग्रेस के अमृत प्रसाद फिर जीते. 1977 में जनता पार्टी के भत्तू महतो जीते. इसके बाद युगल किशोर सिंह यादव की पत्नी गायत्री देवी ने राजनीति में एंट्री की.

1980, 1985 और 1990 के चुनाव में गायत्री देवी, कांग्रेस के टिकट पर लड़ीं और जीतीं. 1995 में जनता दल के केबी प्रसाद जीतने में कामयाब हुए. 2000 के चुनाव में फिर गायत्री देवी ने वापसी की और राजद के टिकट पर जीतीं. 2005 में कौशल यादव निर्दलीय और उनकी मां गायत्री देवी आमने-सामने थीं. कौशल यादव ने मां को हराया. 2010 में कौशल यादव ने जदयू का दामन थामा और एक बार फिर वहां से विधायक बने. 2015 में कौशल यादव ने अपनी पत्नी पूर्णिमा यादव को कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़वाया और विधायक बनीं.

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कौन- कौन है मैदान में?
लोक जनशक्ति पार्टी- रंजीत प्रसाद यादव
बहुजन समाज पार्टी- बिशुन देव यादव
जनता दल यूनाइटेड- पूर्णिमा यादव
राष्ट्रीय जनता दल- मोहम्मद कामरान

कब हुआ चुनाव? 
पहला चरण – 28 अक्टूबर, 2020
नतीजा – 10 नवंबर, 2020

कितने फीसदी मतदान?

गोविंदपुर विधानसभा सीट पर पहले चरण में मतदान हुआ था. इस दौरान 50.37 फीसदी लोगों ने वोट डाले थे.


 

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