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भूकंप के झटकों से दहली धरती, पापुआ न्यू गिनी में 7.3 तो तिब्बत के शिजांग में 4.2 रही तीव्रता

पापुआ न्यू गिनी और तिब्बत के शिजांग शहर में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं. रिक्टर स्केल पर दोनों भूकंपों की तीव्रता 7.3 और 4.2 क्रमश: मापी गई है. दोनों जगहों पर आए भूकंप के बाद लोग अपने-अपने घरों से बाहर दौड़ पड़े. नुकसान को लेकर फिलहाल कोई जानकारी नहीं है.

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भूकंप के झटकों से दहली धरती
भूकंप के झटकों से दहली धरती

पापुआ न्यू गिनी और तिब्बत में भूकंप के झटकों से धरती दहली है. तिब्बत के शिजांग शहर में रविवार-सोमवार रात को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक शिजांग में रात करीब 1:12 बजे धरती हिली. जिसके बाद लोगों में दहशत हो गई और बड़ी संख्या में लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए. फिलहाल किसी तरह के नुकसान की कोई जानकारी नहीं है.

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इससे पहले पपुआ न्यू गिनी में भूकंप के भीषण झटके महसूस किए गए. जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.3 मापी गई. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक रविवार रात करीब 11:34 पर भूकंप के झटके महसूस किए गए. प्रशासन की तरफ से सुनामी की चेतावनी जारी नहीं की गई है. फिलहाल मौके पर हुए नुकसान को लेकर कोई जानकारी नहीं मिल सकी है. 

रविवार को मध्य प्रदेश में भी आया था भूकंप

बता दें कि इससे पहले रविवार को सुबह करीब 11 बजे मध्य प्रदेश के जबलपुर में भूकंप के महसूस किए गए थे. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.6 दर्ज की गई. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) ने बताया था कि भूकंप के झटके पचमढ़ी से 218 किमी दूर महसूस किए गए. इस भूकंप में किसी तरह के नुकसान की जानकारी नहीं आई थी. 

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शनिवार को पोर्टब्लेयर में आया था भूकंप

1 अप्रैल को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में पोर्टब्लेयर में 4.0 की तीव्रता वाले भूकंप के बाद मध्य प्रदेश में भूकंप के झटके लगे थे. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के मुताबिक शुक्रवार को पोर्टब्लेयर में रात करीब 11:56 पर भूकंप महसूस किया गया.

क्यों और कैसे आता है भूकंप? 

धरती के अंदर सात टेक्टोनिक प्लेट्स हैं. ये प्लेट्स लगातार घूमती रहती हैं. जब ये प्लेट आपस में टकराती हैं. रगड़ती हैं. एकदूसरे के ऊपर चढ़ती या उनसे दूर जाती हैं, तब जमीन हिलने लगती है. इसे ही भूकंप कहते हैं. भूकंप को नापने के लिए रिक्टर पैमाने का इस्तेमाल करते हैं. जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल कहते हैं. 

रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल 1 से 9 तक होती है. भूकंप की तीव्रता को उसके केंद्र यानी एपीसेंटर से नापा जाता है. यानी उस केंद्र से निकलने वाली ऊर्जा को इसी स्केल पर मापा जाता है. 1 यानी कम तीव्रता की ऊर्जा निकल रही है. 9 यानी सबसे ज्यादा. बेहद भयावह और तबाही वाली लहर. ये दूर जाते-जाते कमजोर होती जाती हैं. अगर रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 7 दिखती है तो उसके आसपास के 40 किलोमीटर के दायरे में तेज झटका होता है.

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