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इंडोनेशिया के टोबेलो में भूकंप के तेज झटके, रिक्टर स्केल पर 6.3 रही तीव्रता

भूकंप का केंद्र टोबेलो से 177 किमी उत्तर में था. इसकी गहराई 97.1 किमी पर थी. फिलहाल किसी तरह के नुकसान की जानकारी नहीं है. इससे पहले गुरुवार देर रात गुजरात के अमरेली में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. यहां 11 बजकर 35 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए.

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भूकंप के झटकों से दहली इंडोनेशिया की धरती
भूकंप के झटकों से दहली इंडोनेशिया की धरती

इंडोनेशिया के टोबेलो में गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.3 रही. जानकारी के मुताबिक भूकंप का केंद्र टोबेलो से 177 किमी उत्तर में था. इसकी गहराई 97.1 किमी पर थी. फिलहाल किसी तरह के नुकसान की जानकारी नहीं है. 

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इससे पहले गुरुवार देर रात गुजरात के अमरेली में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. यहां 11 बजकर 35 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए. जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.4 मापी गई. इलाके में एक ही दिन में ये तीसरी धरती दहली. जिसके चलते लोग खौफ में दिखे.

गुरुवार और बुधवार को भी कई जगह आया भूकंप 

- अफगानिस्तान में भूकंप गुरुवार सुबह 06.07 मिनट पर आया. भूकंप का केंद्र फैजाबाद से 265 किलोमीटर दूर स्थित था. हालांकि, भूकंप से किसी भी तरह के जानमाल की खबर सामने नहीं आई है. 

- तजाकिस्तान में सुबह 6:07 बजे 6.7 तीव्रता का भूकंप आया. चीन से लगी सीमा के पास भूकंप का असर देखने को मिला है. 

- तुर्की के एंटिऑक में स्थानीय समयानुसार सुबह 04.42 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप की तीव्रता 4.2 थी. 

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- भारत में दिल्ली एनसीआर में बुधवार दोपहर में भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप का केंद्र नेपाल में था. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.8 थी. नेपाल के जुमला से 69 किमी दूर इसका केंद्र था. हालांकि, दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके काफी हल्के थे. 

- इससे पहले बुधवार को दोपहर 1.30 बजे उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप की तीव्रता 4.4 थी. भूकंप का केंद्र पिथौरागढ़ से 143 किमी दूर जमीन के 10 किलोमीटर भीतर थी.

भारत में भी बड़े भूकंप की चेतावनी

हैदराबाद में नेशनल जियो फिजिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट के सीस्मोलॉजी विभाग के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ एन पूर्ण चंद्र राव ने चेतावनी दी है कि भारत का उत्तराखंड इलाका और पश्चिमी नेपाल का हिस्सा जिस स्थिति में है ऐसे में वहां कभी भी तुर्की जैसा भूकंप आ सकता है. तुर्की में 7.8 मेग्नीट्यूड वाला भूकंप आया था जिसके चलते 45000 से ज्यादा लोगों की जान गई है. डॉ राव के मुताबिक उत्तराखंड का खासकर हिमालयन इलाका जो कि पश्चिमी नेपाल से सटा हुआ है यह सीस्मिक जोन 4 की कैटेगरी में आता है और यहां कभी भी बड़ा भूकंप नहीं आया है लेकिन जमीन के भीतर हो रहे बदलाव के चलते ऐसा भूकंप आना तय है लेकिन इसकी तारीख या समय सीमा नहीं बताई जा सकती.

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