भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु और लेडी एडविना माउंटबेटन के बीच यौन संबंध नहीं थे. दोनों के बीच आध्यात्मिक और बौद्धिक रिश्ता था. यह कहना है लेडी माउंटबेटन की बेटी पामेला का. पामेला ने हाल ही में रिलीज हुई पुस्तक `डॉटर्स ऑफ एम्पायर` में इस बात का खुलासा किया है.
किताब के अनुसार भारत के अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन को अपनी पत्नी माउंटबेटन और नेहरु के रिश्तों के बारे में पता था लेकिन उन्होंने कभी किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं किया.
पामेला का कहना है कि नेहरु और उनकी मां के बीच एक गहरा रिश्ता था. यह गहरा रिश्ता कोई शारीरिक या यौन संबंधन नही था.
किताब के अनुसार, नेहरु के रूप में एडविना को एक ऐसा साथी मिला था जिससे उन्हें शांति मिलती थी. पामेला के मुताबिक उनकी मां ने नेहरु में भावनात्मक लगाव पाया जिसकी वजह से वह उनके प्यार में पागल थी.
किताब के अनुसार, दोनों एक दूसरे के अकेलेपन को दूर करने में अक्सर सहयोग करते थे. पामेला बताती है कि भारत में रहने के दौरान मैंने नेहरु के साथ काफी लंबा वक्त गुजारा. मेरी मां और नेहरु के बीच गहरा आकर्षण था. दो शरीर एक आत्मा की तरह.