पूर्व राष्ट्रपति होस्नी मुबारक की अपील को काहिरा फौजदारी अदालत ने रविवार को खारिज कर दिया. अदालत ने अवैध कमाई की आसन्न जांच के सिलसिले में उन्हें जेल में रखने का फैसला लिया है.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने 'नील टीवी' के हवाले से कहा कि मुबारक ने यह अपील अवैध कमाई जांच प्राधिकरण के 24 अप्रैल के एक फैसले के खिलाफ दायर की थी. प्राधिकरण ने अवैध कमाई करने के मामले में उनकी हिरासत अवधि और 15 दिन बढ़ाई थी.
अदालत का यह फैसला प्राधिकरण द्वारा तोरा जेल में एक न्यायिक आयोग भेजने के बाद आया. आयोग ने अवैध कमाई और रिश्वत के सिलसिले में पूर्व राष्ट्रपति से पांच घंटे पूछताछ की थी. अपीलीय अदालत ने 20 अप्रैल को इस मुकदमे में उन्हें थोड़े दिन के लिए रिहा करने का निर्णय लिया था. लेकिन अन्य मुकदमों में उन्हें हिरासत में रखने का आदेश दिया था.
देश में 2011 में बगावत के दौरान प्रदर्शनकारियों की हत्या करने के मामले में जून 2012 में मुबारक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. उन्होंने बाद में इस सजा के खिलाफ जनवरी में अपील की थी. अदालत ने मुबारक और उनके गृह मंत्री हबीब-अल-अदली की अपील स्वीकार कर ली थी और मुकदमे की दोबारा सुनवाई का आदेश दिया था.