मिस्र की एक अदालत ने 2013 में हुई हिंसा के दौरान 13 लोगों की हत्या के दोष में मुस्लिम ब्रदरहुड के 183 समर्थकों की मौत की सजा को सोमवार को बरकरार रखा. देश के पहले इस्लामिस्ट राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी के तख्ता पलट के बाद 2013 में मिस्र में भयंकर हिंसा हुई थी.
दिसंबर में जनसुनवाई के दौरान मौत की सजा पाने वाले 188 लोगों की अपील पर फैसला सुनाते हुए अदालत ने दो लोगों को बरी कर दिया और दो लोगों की मौत हो जाने के कारण उनके खिलाफ मुकदमा खत्म कर दिया.
अदालत ने एक बाल अपराधी को 10 साल कारावास की सजा भी सुनाई, शेष 183 को मौत की सजा सुनाई गई. इनमें से 35 लोगों को अनुपस्थिति में सजा सुनाई गई. इन सभी को पुलिस थाने पर हमला करने का दोषी पाया गया, जिसमें 11 पुलिसकर्मियों सहित 13 लोगों की मौत हो गई थी.
दिसंबर में सुनाए गए फैसले को मिस्र के मुफ्ती-ए-आजम के पास समीक्षा के लिए भेजा गया. मिस्र के कानून के अनुसार किसी को मौत की सजा दी जानी चाहिए या नहीं यह फैसला मुफ्ती-ए-आजम करता है. मुफ्ती ने बयान जारी कर इन सभी के मौत की सजा की पुष्टि की है.
- इनपुट भाषा