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मिस्र में फिर कत्लेआम, मुर्सी समर्थकों पर कार्रवाई में 638 की मौत

2011 के अरब स्प्रिंग के बाद मिस्र के इतिहास में बुधवार का दिन सबसे ज्यादा खूनखराबे वाला दिन रहा. मिस्र के अपदस्थ राष्ट्रपति मोहम्मद मोर्सी के समर्थकों पर सुरक्षा बलों की हिंसक कार्रवाई में मरने वालों की संख्या बढ़कर 638 हो गई.

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मिस्र में हिंसा
मिस्र में हिंसा

2011 के अरब स्प्रिंग के बाद मिस्र के इतिहास में बुधवार का दिन सबसे ज्यादा खूनखराबे वाला दिन रहा. मिस्र के अपदस्थ राष्ट्रपति मोहम्मद मोर्सी के समर्थकों पर सुरक्षा बलों की हिंसक कार्रवाई में मरने वालों की संख्या बढ़कर 638 हो गई.

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इसके एक दिन बाद गुरुवार को मुस्लिम ब्रदरहुड ने यहां की अल इमान मस्जिद से अपना मार्च शुरू किया और स्थानीय सरकारी दफ्तरों को आग लगा दी. सड़कों पर प्रदर्शनकारियों के सफेद कफन से ढके दर्जनों शव पड़े थे.

आक्रोशित मुर्सी के सैकड़ों समर्थकों ने गिजा में स्थानीय सरकारी दफ्तरों को आग के हवाले कर दिया. टेलीविजन पर मुख्यालय में आग की लपटें उठती दिखाई दीं.

अल अरबिया के अनुसार हमलावरों ने इमारत को आग लगाने के लिए मोलोतोव बमों का इस्तेमाल किया.

ब्रदरहुड के प्रवक्ता गेहाद अल हद्दाद ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, 'जब तक हम इस सैन्य शासन को नहीं हटा देते तब तक हम आगे बढ़ते रहेंगे.' गृह मंत्रालय ने बताया कि उसने सरकारी इमारतों पर हमलों का सामना करने के लिए सभी बलों को गोला-बारूद के इस्तेमाल के आदेश दिए हैं.

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