राष्ट्रपति मोहम्मद मुरसी द्वारा एक आदेश के जरिये सभी शक्तियां अपने हाथ में लेने के फैसले पर चिंता जताते हुए व्हाइट हाउस ने मंगलवार को कहा कि मिस्र की सरकार को जनता की इच्छा स्वीकार करनी चाहिए.
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जे कार्ने ने कहा, 'हमें 22 नवंबर के फैसलों और घोषणाओं को लेकर कुछ चिंताएं हैं और इनमें मिस्र के कई नागरिकों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के अन्य सदस्यों की चिंताएं निहित हैं क्योंकि हमने अपने दिमाग में मौलिक सिद्धांतों की स्थापना का भाव रखते हुए मिस्र में बदलाव लाने की कोशिश की और हम लोकतंत्र का समर्थन करते हैं.'
कार्ने ने कहा, 'हमारा मानना है कि मिस्र की सरकार को जनता की इच्छा को स्वीकार करना चाहिए तथा हमें लगता है कि मिस्र की जनता को यह फैसला करना चाहिए कि सरकार किस तरह की हो.' हालांकि व्हाइट हाउस ने इस्राइल और हमास के बीच हालिया गाजा संघर्ष विराम में मिस्र के राष्ट्रपति की भूमिका की प्रशंसा की.
उन्होंने कहा, 'हमने 22 नवंबर को लिये गये फैसलों और घोषणाओं के बारे में चिंता जताई हैं और हम ऐसा करना जारी रखेंगे.' प्रेस सचिव कार्ने ने कहा कि मिस्र में लोकतंत्र कायम करने और देश के विकास में वह मंशा साफ दिखनी चाहिए जिसे लेकर मिस्र की जनता ने यह क्रांति की. हम इस लक्ष्य के लिए काम करते रहेंगे क्योंकि इसमें मिस्र की जनता की इच्छा दिखती है.
कार्ने ने कहा कि मिस्र के आंदोलन की एक आकांक्षा यह सुनिश्चित करना थी कि सत्ता पूरी तरह से किसी एक व्यक्ति या संस्था के हाथ में नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारा यह दृष्टिकोण है कि वर्तमान संवैधानिक संकट ऐसे संविधान को स्वीकार करके ही सुलझ सकता है जो मौलिक अधिकारों, निजी अधिकारों और कानून के शासन को स्वीकार करे तथा मिस्र की अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं से सामंजस्य बिठाए.