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मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद मोरसी सहित 100 लोगों को सजा-ए-मौत

मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद मोरसी सहित 100 लोगों को कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई है.

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मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद मोरसी
मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद मोरसी

मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद मोरसी सहित 100 लोगों को कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई है. इससे पहले एक अन्य मामले में मोरसी को 20 साल जेल की सज़ा सुनाई जा चुकी है.

जज ने जब अपना फैसला पढ़ा, तो पूर्व राष्ट्रपति ने इसके विरोध में अपनी मुट्ठियां उठाईं. जिन लोगों को सजा मिली है, उनमें से कई लोग गिरफ्त में नहीं हैं. इनमें इस्लामिक विद्वान यूसुफ अल करादवी का नाम प्रमुख है.

स्थानीय कानून के मुताबिक , जज को मौत की सजा देने से पहले किसी धार्मिक नेता से सलाह मशविरा करना होता है. इसे मुफ्ती कहा जाता है, जो सरकार का एक सलाहकार होता है.

वह इस्लामिक कानून के मुताबिक फैसलों की व्याख्या करता है. मुफ्ती के फैसले के बाद ही अदालत 2 जून को अंतिम फैसला सुनाएगी.

बताते चलें कि लंबे समय तक चले इस केस में मोरसी ने स्पष्ट कर दिया था कि वे किसी हाल में झुकेंगे नहीं. उन पर 2011 में हिरासत से भाग जाने का मुकदमा चल रहा था.
 
मोरसी को पहले ही 20 साल की सजा सुनायी गई थी. यह सजा उन्हें उनके शासन काल में प्रदर्शनकारियों के विरेाध प्रदर्शन के दौरान उन्हें गिरफ्तार करने और प्रताड़ित करने के आरोप में दी गई थी. मोर्सी जब जेल से भागे थे, उनके साथ 100 अन्य लोग भी थे.
 
सन 2013 में सेना ने उनको सत्ता से बेदखल कर दिया था. उस समय देश भर में उनकी सरकार के खिलाफ बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन चल रहा था.

उन पर आरोप है कि वह साल 2011 में 28 जनवरी को तब जेल से दूसरे कैदियों के साथ भागे थे. उस समय वहां के राष्ट्रपति होस्नी मुबारक के खिलाफ जनांदोलन चल रहा था. इसमें कई पुलिसकर्मी मारे गये थे.

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