मिस्र की एक अदालत ने शनिवार को मुस्लिम ब्रदरहुड के 183 सदस्यों और उनके नेता को मिली मौत की सजा को कायम रखा है. मीडिया रिपोर्ट से यह जानकारी मिली. अल अहराम की ऑनलाइन रिपोर्ट के मुताबिक, मामले के 683 आरोपियों में से 183 को मौत की सजा, चार को आजीवन कारावास और बाकी 496 को दोषमुक्त कर दिया गया.
आरोपियों पर 14 अगस्त, 2013 को अदावा पुलिस थाने पर हमला कर एक पुलिस अधिकारी की हत्या करने का आरोप था.
इसके अलावा, उन्हें आतंकी कृत्य, दंगा, सार्वजनिक व निजी संपत्ति को नष्ट करने, पुलिस अधिकारी पर हमला करने व दंगा भड़काने के मामले में भी दोषी पाया गया. अप्रैल में मामले के सभी 683 आरोपियों को मौत की सजा सुनाई गई थी.
शनिवार को हालांकि सजा सुनाए जाने से पहले पुष्टिकरण के लिए इसे मिस्र के ग्रांड मुफ्ती के पास भेजा गया था. फैसले के खिलाफ अभी भी अपील की जा सकती है.
राजधानी काहिरा के निकट गीजा में हिंसा फैलाने के आरोप में गुरुवार को मुस्लिम ब्रदरहुड के नेता बाडी को अलग-अलग मामले में विभिन्न अदलतों द्वारा मौत की सजा सुनाई गई थी.
जुलाई में मिस्र के राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी और उनके इस्लामिक समूह के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन के बाद सेना ने उन्हें गद्दी से हटा दिया था. इसके परिणामस्वरूप वहां हिंसा फैली थी.
प्रदर्शनकारियों की हत्या का आदेश देने, फिलिस्तीन हमास आंदोलन के लिए जासूसी और न्यायपालिका का अपमान के आरोप में मुर्सी न्यायपालिका का सामना कर चुके हैं.