डिस्कवरी चैनल के कार्यक्रम मैन वर्सेज वाइल्ड में बेयर ग्रिल्स को आप कठिनतम परिस्थितियों में जिंदा रहने के गुर सिखाते हुए जरूर देखे होंगे. घनघोर जंगलों में कैसे जानवरों से बचना है, कड़कती धूप में पानी का जुगाड़, जंगली वृक्षों से खाने लायक फल चुनना ऐसे तमाम हुनर बेयर ग्रिल्स टीवी स्क्रीन पर लोगों को सिखाते रहे हैं.
बात भारत से हजारों मील दूर जिम्बाब्वे की है. यहां जंगलों में बसे एक गांव में 7 या 8 बरस का एक प्यारा बच्चा था. नाम था टिनोटेंडा पुंडु. पुंडु ने बेयर ग्रिल्स के शोज तो नहीं देखे थे लेकिन उसने अपनी छोटी सी जिंदगी में जिंदा रहने के कारगर तरीके जरूर सीखे थे.
टिनोटेंडा पुंडु उत्तरी जिम्बाब्वे के एक गांव में रहता था. एक दिन वो अपने गांव से भटक कर घने जंगलों में चला गया. 8 साल का बालक, न रास्ता मालूम न कोई मदद करने वाला. पुंडु भटकता भटकता भटकता बीच जंगल में चला गया. अब संयोग देखिए ये जंगल नहीं दरअसल लॉयन सैंक्चुरी था. इसका नाम है माटुसाडोना नेशनल पार्क (Matusadona National Park).
शेरों से आबाद और जानलेवा हालात के बीच माटुसाडोना नेशनल पार्क में शुरू हुई 8 साल के इस बच्चे की जिंदा रहने की जद्दोजहद.
पुंडु का गांव सूखे से प्रभावित है. गांव में पुंडु को पानी के लिए न सिर्फ जमीन खोदने का तरीका बताया जाता था बल्कि ये तर जमीन की पहचान भी सिखाई जाती थी. पुंडु को ये सीख काम आई. उसने जंगल में डंडे की मदद से नदी के किनारे को खोदना शुरू किया. उससे जो पानी निकलता उससे वो अपनी प्यास बुझाने लगा और जिंदा रहने लगा.
💫 A boy missing & found in Matusadonha game park
— Mutsa Murombedzi MP🇿🇼 (@mutsamu) January 1, 2025
A true miracle in remote Kasvisva community, Nyaminyami in rural Kariba, a community where one wrong turn could easily lead into a game park. 8-year-old Tinotenda Pudu wandered away, lost direction & unknowingly headed into the… pic.twitter.com/z19BLffTZW
पुंडु अपने गांव से 27 दिसंबर को गायब हुआ था. इधर इसके गांव वाले ढोल बजाकर उसे ढूंढ़ रहे थे. उन्हें उम्मीद थी कि आवाज सुनकर पुंडु आवाज की दिशा में आएगा और उसे खोज लिया जाएगा. लेकिन गांव वालों की ये कोशिश नाकाम हुई.
दरअसल 8 साल का पुंडु भटकते-भटकते अपने गांव से 50 किलोमीटर दूर चला गया था. जबकि गांव वाले उसे आस-पास ही खोज रहे थे. एक दो दिन गुजरने के बाद पुंडु भूख से बेसुध सा होने लगा तो उसने जंगली फल खाने शुरू कर दिये. इस फल को जिम्बाब्बे में (Tsvanzva) के नाम से जाना जाता है.
पुंडु की होशियारी को बताते हुए स्थानीय सांसद कहते हैं कि वह इतना चतुर था कि ऊंचे चट्टानों पर सोता था ताकि शेर और अन्य वन्यजीव उस तक न पहुंच सकें.'
पांच दिनों के बाद टिनोटेंडा ने पार्क रेंजर की कार की आवाज सुनी और उसकी ओर दौड़ा, लेकिन जब तक वह वहां पहुंचा, तब तक कार जा चुकी थी.
शुक्र है कि रेंजर बाद में वापस लौटे और उन्होंने बच्चे के आकार के पैरों के निशान देखे और जल्द ही उसे ढूंढ लिया.
स्थानीय मीडिया के अनुसार, उसे अस्पताल ले जाया गया और ड्रिप लगाई गई.
This is an incredibly lucky boy. We went camping in that game park and our guides told us that it has some of the most vicious lions. We saw a pride of 8 lions. Very scary place.
— Chipo Dendere (@drDendere) January 1, 2025
This boy is blessed. Very glad he made it home ❤️ https://t.co/EzZkrbAapb pic.twitter.com/S5JycuxanZ
ज़िमपार्क्स के प्रवक्ता टीनाशे फ़रावो ने कहा,'यह अनुमान लगाया गया है कि वह अपने गांव से उस स्थान तक 49 किलोमीटर तक शेरों से भरे माटुसाडोना नेशनल पार्क के घने जंगलों से होकर चला, जहां उसे पाया गया.'
रेंजर्स और पुलिस ने टिनोटेंडा के लापता होने की सूचना मिलने के तुरंत बाद उसकी तलाश शुरू कर दी थी.
स्थानीय सांसद मुरोम्बेदज़ी ने कहा कि ग्रामीणों ने भी खोज में मदद की. उन्होंने कहा कि यह एक 'चमत्कार' था कि वह खतरनाक इलाके में इतने लंबे समय तक अकेला रहा.
टिनोटेंडा की कहानी सोशल मीडिया पर शेयर की गई, जिसमें एक व्यक्ति ने पोस्ट किया,'यह एक अविश्वसनीय रूप से भाग्यशाली लड़का है. हम उस गेम पार्क में कैंपिंग करने गए थे और हमारे गाइड ने हमें बताया कि वहां सबसे ख़तरनाक शेर हैं. हमने आठ शेरों का झुंड देखा. वो बहुत डरावनी जगह है'
ज़िम्बाब्वे की माटुसाडोना नेशनल पार्क शेर, तेंदुए, हाथी और भैंस सहित कई जंगली जानवरों का घर है.