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कोई नहीं है टक्कर में! युद्ध के बाद पुतिन की रेटिंग में आया उछाल, चुनाव में दिख रही दीवानगी

रूस में 15 से 17 मार्च तक चुनाव हो रहे हैं. यूक्रेन के साथ युद्ध और पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद लोगों में पुतिन का जबरदस्त क्रेज देखने को मिल रहा है. सर्वे और रूसी सूत्र दावा कर रहे हैं कि यूक्रेन युद्ध के बाद पुतिन की अप्रूवल रेटिंग में बड़ा उछाल आया है.

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रूसी राष्ट्रपति व्लादमीर पुतिन (फाइल फोटो)
रूसी राष्ट्रपति व्लादमीर पुतिन (फाइल फोटो)

यूक्रेन के साथ युद्ध लड़ रहे रूस में सिर्फ एक ही उम्मीदवार है और सिर्फ एक ही विजेता है- व्लादिमीर पुतिन. शुक्रवार से रूस में शुरू हुए चुनावों में यह बात साबित होती दिख रही है. चुनाव में रूसी राष्ट्रपति और यूक्रेन के साथ युद्ध के लिए जबरदस्त समर्थन देखने को मिल रहा है. रूस में 15 से 17 मार्च तक वोटिंग होगी.

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न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिणी मॉस्को में शॉपिंग कर रहीं 46 साल की ल्यूडमिला पेट्रोवा का कहना है, 'मैं पुतिन का समर्थन करती हूं और जाहिर सी बात है मैं उनके लिए वोट करूंगी.' उन्होंने कहा, 'पुतिन ने रूस को खड़ा किया है और रूस पश्चिमी देशों और यूक्रेन को हरा देगा. आप रूस को कभी हरा नहीं पाएंगे.' उन्होंने सवाल उठाया, 'क्या पश्चिमी देश पूरी तरह से पागल हो गए हैं? यूक्रेन का आपसे क्या लेना-देना है?'

पुतिन की लोकप्रियता में बड़ा उछाल

पश्चिमी देश पुतिन को एक 'तानाशाह', 'वॉर क्रिमिनल' और 'हत्यारे' के रूप में देखते हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने पिछले महीने पुतिन के आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया था. लेकिन सर्वे और रूस के वरिष्ठ सूत्रों की मानें तो यूक्रेन के साथ युद्ध के बाद रूस में पुतिन की लोकप्रियता कई गुना बढ़ गई है. इससे सत्ता पर पुतिन की पकड़ भी मजबूत हुई है.

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पुतिन का कोई मुकाबला नहीं

क्रेमलिन के एक करीबी ने बताया, 'पुतिन का कोई प्रतिद्वंदी नहीं है. वह बहुत ऊपर उठ चुके हैं. रूस की लगातार आलोचना और प्रतिबंध पश्चिमी देशों की सबसे बड़ी गलती है क्योंकि इसने पुतिन के आसपास मौजूद कुलीन वर्ग और जनता को एकजुट करने में मदद की है. रॉयटर्स के अनुसार एक अन्य वरिष्ठ रूसी सूत्र ने बताया, 'एक लीडर के रूप में पुतिन का कार्यकाल राजनीति नहीं बल्कि उनके स्वास्थ्य के चलते सवालों के घेरे में था जो बेहतर लग रहा है. उनका कोई उत्तराधिकारी नजर नहीं आ रहा है.'

युद्ध के बाद बढ़ी पुतिन की रेटिंग

पुतिन ने फरवरी 2022 में यूक्रेन के साथ युद्ध की घोषणा की थी. एक रूसी सर्वेक्षणकर्ता लेवाडा सेंटर के अनुसार वर्तमान में पुतिन की अप्रूवल रेटिंग 86 प्रतिशत है जो यूक्रेन युद्ध से पहले 71 प्रतिशत थी. पुतिन की रेटिंग 2008 में जॉर्जिया के साथ युद्ध और 2014 में क्रीमिया पर कब्जे के बाद भी बढ़ी थी. रूसी टीवी चैनल और सोशल मीडिया पुतिन को एक 'मजबूत देशभक्त' के रूप में दिखाता है और बाइडन जैसे पश्चिमी नेताओं को 'कमजोर' बताता है.

'वोट देकर बैलेट पेपर की फोटो भेजें कर्मचारी'

रूस के कुलीन वर्ग के भीतर कुछ लोग ऐसे भी हैं जो युद्ध पर सवाल उठाते हैं. हालांकि क्रेमलिन का विरोध करके उनके पास हासिल करने को कुछ भी नहीं है और खोने को बहुत कुछ है. पिछले साल वैगनर ग्रुप के नेता येवगेनी प्रेगोझिन का असफल विद्रोह इसका सबसे स्पष्ट उदाहरण है. 

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पुतिन का वफादार रूस का सरकारी मीडिया चुनावों में जनता का मूड तय करने में अहम भूमिका निभाता है. तीनों प्रतिद्वंदी उम्मीदवारों की हार तय है क्योंकि किसी की भी अप्रूवल रेटिंग 6 प्रतिशत से ज्यादा नहीं है. क्रेमलिन की सबसे बड़ी चिंता वोटिंग प्रतिशत है. छह सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया कि सरकारी कंपनियों के कुछ प्रबंधकों ने कर्मचारियों को वोट करने और अपने बैलेट पेपर्स की फोटो जमा करने का आदेश दिया है. 

असफल साबित हुए पश्चिमी प्रतिबंध

यूक्रेन के साथ युद्ध में हजारों लोगों की जान जा चुकी है. लेकिन पश्चिमी प्रतिबंध अब तक रूस की अर्थव्यवस्था को डुबोने में विफल रहे हैं. पिछले साल रूस की अर्थव्यवस्था में 3.6 प्रतिशत का उछाल आया. हालांकि देश लेबर्स और निवेश की भारी कमी और घटती जनसंख्या के संकट से जूझ रहा है. पहचान उजागर न करने की शर्त पर एक रूसी सूत्र ने कहा, 'कुछ समय के लिए युद्ध अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी नहीं कि बुरा हो. पुतिन जब तक चाहें तब तक लड़ सकते हैं.'

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