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लोगों का वक्त आता है लेकिन एलॉन मस्क का दौर आया है. जादू ऐसा कि जिस चीज को हाथ लगा दें सोना बन जाए. तरक्की ऐसी कि दुनिया में कोई भी धनकुबेर मुकाबले में कहीं आसपास भी टिक नहीं सके. लेकिन वे खुद को धनकुबेर से ज्यादा इंजीनियर कहलवाना पसंद करते हैं. वजह है विज्ञान और तकनीक में खुद इस हद तक डूबे रहते हैं कि दुनिया में हो रहे हर नए काम से नाम खुद-ब-खुद जुड़ जाता है.
एलॉन मस्क... दुनिया के सबसे अमीर शख्स... 246 बिलियन डॉलर की संपत्ति के मालिक... दिग्गज दक्षिण अफ्रीकी-कनाडाई-अमेरिकी कारोबारी, निवेशक, इंजीनियर, आर्किटेक्ट... टेस्ला, न्यूरोलिंक, स्पेसएक्स जैसी कंपनियों के मालिक, PayPal के संस्थापक और अब ट्विटर जैसी अव्वल कंपनी को एक बोली में हथियाने वाले बिजनेस टाइकून... बिल्कुल अलकेमिस्ट जैसा जादू यानी जिस चीज को हाथ लगा दें वह चमक उठे... खुद एलॉन मस्क अपनी तुलना एलियन से करने वालों की बातों को मुस्करा कर टाल देते हैं...
12 साल की उम्र में ही खुद को किया साबित
लोग सपने देखते हैं और उसे भूल जाते हैं... ये शख्स सपने देखता है और उसे पूरा भी करता है... सिर्फ 12 साल की उम्र में एलॉन मस्क ने वीडियो गेम बनाया और उसे 500 डॉलर में बेच दिया... तब से शुरू हुआ ये सिलसिला आज करोड़ों-अरबों की कंपनियों की खरीद-बिक्री तक आ पहुंचा है. बिटकॉइन्स जिसे दुनिया हाथ लगाने से डरती थी उसे एलॉन मस्क ने साल 2014 में ही अपना लिया और इस अदृश्य करेंसी में निवेश के जरिए हजारों गुना लाभ कमाया. आज एलॉन मस्क की कंपनियां कई तरह के नेक्स्ट जेनरेशन इनोवेशन कर रही हैं, जिनसे आने वाले वक्त में हमारी-आपकी जिंदगी पूरी तरह बदल सकती है.
बेटे के नाम से भी चौंकाया
विज्ञान और तकनीक से एलॉन मस्क का इस कदर लगाव है कि 2020 में जन्में अपने बेटे का नाम उन्होंने X Æ A-12 रखा. इसे लेकर तब दुनिया में चर्चा छिड़ गई कि इसका मतलब क्या है? दरअसल एलॉन मस्क और सिंगर ग्राइम्स ने अपने बेटे का नाम Exa Dark Sideræl रखा था जिसका मतलब बेहद खास होता है. तब गाइम्स ने बताया था कि Exa सुपरकंप्यूटिंग टर्म exaFLOPS को दर्शाता है, तो वहीं डार्क का मतलब अज्ञात है जिससे लोग डरते हैं, लेकिन डार्क मैटर ब्रह्मांड का एक रहस्य है. उन्होंने Sideræl का मतलब बताया ब्रह्माण्ड का सही समय.
क्या है एलॉन मस्क का फ्यूचर प्लान?
एलॉन मस्क को लोग 21वीं सदी का सबसे बड़ा क्रांतिकारी विजनरी यूं ही नहीं कहते... हाइपरलूप जैसी फ्यूचर ट्रेन इन्होंने बनाई. एलॉन मस्क मंगल पर इंसानी शहर बसाना चाहते हैं, न्यूरालिंक के जरिए इंसान के दिमाग को मशीनों और स्मार्टफोन से जोड़ना चाहते हैं, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को इंसान के जीवन का हिस्सा बनाना चाहते हैं... Nasa के लिए एलॉन मस्क की कंपनी ने Crew Dragon Capsule बनाई जिसके जरिए पहली बार इंसान के लिए अंतरिक्ष की कमर्शियल जर्नी की शुरुआत हुई. और इस तरह इंसान के लिए अंतरिक्ष की सैर यानी स्पेस टूरिज्म की राह खुल गई.
एलॉन मस्क के पांच क्रांतिकारी कदम जिससे दुनिया बदल रही है और आगे भी बदलाव की उम्मीद जगी है-
1. टाइम ट्रैवल के फैन
एलॉन मस्क को टाइम ट्रैवल के कॉन्सेप्ट ने बहुत प्रभावित किया है. 2018 में एलॉन मस्क ने ऐलान किया कि इस बात के 70 फीसदी चांस हैं कि मैं जल्द ही मंगल ग्रह पर मूव कर जाऊंगा. एलॉन मस्क का मानना है कि रॉकेट टेक्नोलॉजी के जरिए वे एक ग्रह से दूसरे ग्रह तक की यात्रा को आसान बनाना चाहते हैं. धरती से मंगल ग्रह, चांद तक और इसके आगे की पहुंच भी इंसान के लिए तकनीक के जरिए वे आसान बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं. ये केवल सपना नहीं है बल्कि इस दिशा में मस्क ने खुद को साबित करके भी दिखाया है.
इसके लिए साल 2002 में मस्क ने SpaceX कंपनी की स्थापना की. जो एयरस्पेस निर्माता और अंतरिक्ष टूरिज्म सेवा कंपनी है. 2020 में स्पेसएक्स किसी इंसान को अंतरिक्ष में पहुंचाने वाली पहली प्राइवेट कंपनी बनी. स्पेस टूरिज्म सेक्टर में एलॉन मस्क की स्पेसएक्स को जेफ बेजोस की ब्लू ओरिजिन से कड़ी टक्कर मिल रही है. 2023 में स्पेसएक्स जापानी अरबपति युसुकू मेजावा समेत 8 लोगों को स्पेस टूरिज्म कराने की तैयारी में है. स्पेसएक्स की Falcon 9 Block 5 रॉकेट अंतरिक्ष टूरिज्म की दिशा में एक और नया कदम था. इससे रि-यूजेबल रॉकेट्स का दौर शुरू हुआ. यानी ऐसे रॉकेट जो एक बार मिशन पूरा होने के बाद नष्ट न हों बल्कि फिर से यात्रा के लिए इस्तेमाल किए जा सकें. बिल्कुल प्लेन की तरह. इस तकनीक से अंतरिक्ष की सैर और रॉकेट प्रोजेक्ट काफी सस्ते हो सकते हैं.
2. चांद और मंगल ग्रह पर शहर
इंसान कब तक मंगल ग्रह पर कॉलोनी बसा चुका होगा? एलॉन मस्क ने ट्विटर पर इस सवाल का जवाब दिया- साल 2029 तक... मस्क की भविष्यवाणी है कि साल 2060 तक लाखों लोग मंगल ग्रह पर रह रहे होंगे. एलॉन मस्क का मानना है कि धरती के साथ-साथ हमें एक मल्टी-प्लेनेटरी दुनिया को रचना चाहिए. इंसान केवल धरती पर ही क्यों रहे. अगर किसी बाहरी ताकत से धरती को खतरा होता है तो ऐसे हालात में इंसानों का अस्तित्व तो नहीं मिटेगा.
एलॉन मस्क चांद और मंगल ग्रह पर पूरा शहर बसाना चाहते हैं. इसके अलावा अपनी स्पेस एक्स कंपनी के जरिए वे धरती और मंगल ग्रह के बीच आवाजाही की आसान ट्रांसपोर्ट सर्विस भी खड़ी करना चाहते हैं ताकि इन ग्रहों के लिए लगातार फ्लाइट्स चलें.
3. इंसान के दिमाग को मशीन से जोड़ने का प्रोजेक्ट
सोचिए कि आपके दिमाग के साथ एक चिप कनेक्ट हो जाए, जो आपके ब्रेन को हील करे, उसकी मेमोरी को सेव करे बिल्कुल आपकी यादगार तस्वीरों की तरह. आपके ब्रेन के अंदर हुई इंजरी को रिपेयर करे. कैसा रहेगा कि आप जो सोचें, वो ईमेल या मैसेज की तरह खुद टाइप हो जाए और वो संदेश सामने वाले तक खुद चला जाए. इंसान के पास समय ही समय हो और उसके काम करने की स्पीड सैकड़ों गुना बढ़ जाए. जब एलॉन मस्क ने ये कॉन्सेप्ट रखा था तब वैज्ञानिकों के एक बड़े तबके ने भी इसपर भरोसा नहीं किया था लेकिन मस्क डटे रहे. उनकी कंपनी न्यूरालिंक ने इस तकनीक का ट्रायल भी शुरू कर दिया है.
साल 2016 में एलॉन मस्क ने न्यूरालिंक कंपनी की स्थापना की. यह इंसान के दिमाग और कम्प्यूटर के इंटरफेस को विकसित करने की दिशा में काम करती है. इसके लिए एलॉन मस्क मशीनों को, स्मार्टफोन आदि को इंसान के दिमाग से जोड़ना चाहते हैं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम करने के लिए साल 2015 में एलॉन मस्क ने ओपन एनआई की स्थापना की. ये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए इंसान के जीवन को आसान बनाने के उपायों पर रिसर्च करने वाली संस्था है. हालांकि, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोट्स को लेकर आने वाले खतरे से भी एलॉन मस्क आगाह करते हैं. बल्कि 2014 के अपने एक ट्वीट में एलॉन मस्क ने AI को परमाणु हथियारों से भी बड़ा खतरा बताया.
4. फ्यूचर कारें जो ड्राइविंग का अंदाज बदल दें
सोचिए आप कार में बैठे हों और कार चलाते हुए आपको नींद में सोने की भी सुविधा मिल जाए. एलॉन मस्क सेल्फ ड्राइविंग की टेक्नोलॉजी पर पूरा जोर देते हैं और ऐलान करते हैं कि जल्द ही टेस्ला की सभी कारें सेल्फ ड्राइविंग टेक्नोलॉजी वाली होंगी. टेस्ला की तकनीक का जलवा ऐसा है कि आज दुनिया में कोई भी नई कार लॉन्च होती है तो उसमें टेस्ला वाली फीचर्स होने का दावा करना कोई भी कंपनी नहीं भूलती.
साल 2017 में एलॉन मस्क ने भविष्यवाणी की थी कि 10 साल में अधिकांश कारें इलेक्ट्रिक कारें होंगी. आज 5 साल बाद पूरी दुनिया में इलेक्ट्रिक कारों की लॉन्चिंग की धूम है. आज जब दुनिया प्रदूषण से मुक्ति और पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम करने के लिए इलेक्ट्रिक कारों की ओर बढ़ रही है तो पहले से ही इस दिशा में एलॉन मस्क की कंपनी टेस्ला की इलेक्ट्रिक कारें धाक जमाए बैठी हैं. एलॉन मस्क की कंपनी ने साल 2006 में सोलर सिटी बनाने में मदद की. उनकी कंपनी टेस्ला एनर्जी उर्जा के सतत स्रोतों यानी ऐसे स्रोतों पर काम करती है जो दुनिया से कभी खत्म न हों.
इलेक्ट्रिक कारों की दुनिया में कोई भी कंपनी टेस्ला के मुकाबले कहीं नहीं ठहरतीं. एलॉन मस्क कहते हैं कि एक समय आएगा जब गैस-पावर्ड कारें स्टीम इंजन जैसी हो जाएंगी. दुनिया उनसे बहुत आगे निकल चुकी होगी. इलेक्ट्रिक कारों और सोलर कारों पर एलॉन मस्क खूब जोर देते हैं. अब एलॉन मस्क का अगला ऐलान है कि उनकी कंपनी की हर कार सेल्फ ड्राइविंग कार होगी. इस दिशा में उनकी कंपनी को तेजी से सफलता भी मिली है.
5. और अब इलेक्ट्रिक प्लेन्स-हाइपरलूप ट्रेनें
आप इलेक्ट्रिक कार की बात करते हैं लेकिन एलॉन मस्क इलेक्ट्रिक प्लेन की भी बात करते हैं. एलॉन मस्क कहते हैं अभी हम जमीनी ट्रांसपोर्ट को क्रांतिकारी तरीके से बदलने में लगे हैं लेकिन इलेक्ट्रिक प्लेन का सपना भी एक दिन पूरा होगा. इसके लिए बैट्री की तकनीक पर और काम करने की जरूरत अभी होगी.
एलॉन मस्क वैक्यूम टनल में चलने वाली ट्रेन को दुनिया में आम कर देना चाहते हैं जिससे यात्रा की रफ्तार कई गुना बढ़ जाए. इसके लिए हाइपरलूप ट्रेनों के कॉन्सेप्ट पर उनकी कंपनी काम कर रही है. हाइपरलूप ट्रेनें 1200 से 1300 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं यानी प्लेन से भी तेज. मतलब कुछ घंटों में ही आप दिल्ली से मुंबई और मुंबई से कोलकाता तक की यात्रा कर पाएंगे. प्लान के मुताबिक सबकुछ ठीक रहा तो भारत में भी जल्द ही हाइपरलूप ट्रेनें चलेंगी. महाराष्ट्र में मुंबई से पुणे के लिए सर्विस शुरू करने को लेकर वर्जिन हाइपरलूप कंपनी के साथ डील हुई है.
अपनी इन क्रांतिकारी योजनाओं और आइडियाज के कारण आज एलॉन मस्क सबसे आगे हैं. एलॉन मस्क जोखिम लेने से नहीं डरते. चाहे वो आर्थिक रूप से हो या वैज्ञानिक प्रयोग के तौर पर. 2008 की आर्थिक मंदी में उनकी कंपनियों को भारी नुकसान हुआ लेकिन वे हालात को संभालने में कामयाब रहे. स्पेसएक्स के लिए रॉकेट खरीदने जब एलॉन मस्क रूस गए तो उन्हें भारी कीमत के चक्कर में अपना प्लान बदलना पड़ा. मस्क ने हार नहीं मानी और खुद रॉकेट साइंस की पढ़ाई की. खुद का रॉकेट विकसित किया. स्पेसएक्स के पहले तीनों रॉकेट लॉन्च फेल हुए. लेकिन एलॉन मस्क ने हार नहीं मानी. आज उनके रॉकेट नासा भी इस्तेमाल करता है.
कहा जाता है कि फिल्म आयरन मैन के हीरो टोनी स्टार्क का कैरेक्टर एलॉन मस्क से प्रभावित है. लोग हैरान रहते हैं कि मस्क के विचारों में इतना नयापन कैसे? एलॉन मस्क कहते हैं कि जो चीजें साइंस फिक्शन या फिल्मों में कल्पना के तौर पर पेश की जाती हैं वे हमेशा के लिए साइंस फिक्शन ही ना रहें. वो हमारी-आपकी जिंदगियों में मौजूद हों. साइंस और टेक्नोलॉजी इसे संभव करने में सक्षम हैं क्योंकि वो भी हमारी दिमाग की ही उपज हैं.