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कोरोना संकट की वजह से यूरोप खासा प्रभावित रहा है और अब वहां राजनीतिक अस्थिरता की स्थिति बनती दिख रही है. एक हफ्ते के अंदर 2 देशों के प्रधानमंत्री को भ्रष्टाचार की वजह से अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा, जिसमें एक देश के प्रधानमंत्री ने अपने पूरे कैबिनेट के साथ इस्तीफा दे दिया. तीसरे देश में भी प्रधानमंत्री पर इस्तीफा देने के लिए सहयोगी दलों की ओर से दबाव डाला जा रहा है.
कोरोना की मार का सामना कर रहे यूरोप में 3 देशों में राजनीतिक संकट की स्थिति बनी हुई है. शुरुआत पिछले दिनों एस्तोनिया से हुई. इस छोटे से देश के प्रधानमंत्री जूरी रटास ने सोशल मीडिया के जरिए ऐलान किया कि वह अपने पद से इस्तीफा देने जा रहे हैं.
एस्तोनियाः घोटाले की वजह से गई सरकार
जूरी रटास को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा इसलिए देना पड़ा क्योंकि उनकी पार्टी सेंटर पार्टी के वरिष्ठ अधिकारियों को घोटाले का वजह से इस्तीफा देना पड़ा तो उन पर भी दबाव बना और उन्होंने भी पद छोड़ने का फैसला कर लिया. लोक अभियोजक कार्यालय की ओर से कहा गया कि पोर्टो फ्रेंको रिएल स्टेट केस में सेंटर पार्टी और पांच लोगों पर शक है.
फेसबुक पर इस्तीफा देने का ऐलान करते हुए रटास ने यह भी दावा किया कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है. उन्होंने फेसबुक पर लिखा, 'मैंने राजनीतिक जिम्मेदारी लेने के बावजूद, मैं अपने पूरे दिल से कह सकता हूं कि प्रधानमंत्री के रूप में, मैंने कोई भी दुर्भावनापूर्ण या जानबूझकर गलत निर्णय नहीं लिया है.' वह नवंबर 2016 से प्रधानमंत्री के पद पर थे.
हालांकि उनके इस्तीफे का मतलब यह नहीं कि देश में नया चुनाव कराया जाएगा. 3 दलों (सेंटर पार्टी, नेशनलिस्ट ईकेआरके पार्टी और कंजरवेटिव फादरलैंड पार्टी) के सहयोग से बनी मिली-जुली सरकार में अब नई सरकार बनाए जाने को लेकर चर्चा हुई. अब देश की कमान काजा कलास को सौंपी गई है. वह एस्तोनिया की प्रधानमंत्री बनने वाली पहली महिला नेता हैं.
नीदरलैंड्सः पूरी कैबिनेट के साथ इस्तीफा
एस्तोनिया में प्रधानमंत्री समेत पूरी कैबिनेट के इस्तीफा देने के 2 दिन बाद नीदरलैंड में भी प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना पड़ा था. डच प्रधानमंत्री मार्क रुटे और उनके पूरी कैबिनेट ने 15 जनवरी को इस्तीफा दे दिया. डच कैबिनेट को बाल कल्याण भुगतानों की जांच से जुड़े एक घोटाले की राजनीतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना पड़ा. इस घोटाले में हजारों माता-पिता को धोखेबाज के रूप में गलत तरीके से शामिल कर लिया गया था.
नेशनल टीवी पर इस्तीफे के बारे में प्रधानमंत्री मार्क रुट्टे ने कहा कि उन्होंने अपने फैसले के बारे में राजा विलेम-अलेक्जेंडर को सूचित कर दिया था और वादा किया कि उनकी सरकार प्रभावित माता-पिता को जल्द से जल्द मुआवजा दिलाने और कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ने को लेकर काम जारी रखेगी.
नीदरलैंड्स में करीब 2 महीने बाद चुनाव होने हैं. 17 मार्च के चुनाव के बाद नया गठबंधन बनने तक रुटे की सरकार कार्यवाहक के रूप में काम करती रहेगी.
इटलीः अल्पमत में ज्यूसेपे कॉन्टे सरकार
इस बीच कोरोना संकट और अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर संघर्ष कर रहे इटली में भी राजनीतिक संकट बरकरार है. प्रधानमंत्री ज्यूसेपे कॉन्टे की मिली-जुली सरकार के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है. कोरोना संकट के दौर में ज्यूसेपे कॉन्टे सरकार की एक अहम सहयोगी पार्टी के अलग हो जाने से राजनीतिक संकट की स्थिति बनी हुई है.
पिछले हफ्ते पूर्व प्रधानमंत्री मेतियो रेंजी की इटालिया वीवा पार्टी ने सरकार के अर्थव्यवस्था संभालने को लेकर योजना पर सहमति नहीं होने पर गठबंधन सरकार से अलग होने का ऐलान किया. रेंजी ने पिछले हफ्ते बुधवार को ऐलान किया कि उनकी पार्टी गठबंधन सरकार से अलग हो रही है.
कॉन्टे की गठबंधन सरकार में शामिल दलों में सबसे छोटी पार्टी यही थी. इस पार्टी के दो कैबिनेट और एक जूनियर मंत्री ने इस्तीफा दे दिया. समर्थन वापस लेने की वजह से सरकार अल्पमत में आ गई है. प्रधानमंत्री ज्यूसेपे कॉन्टे सरकार बचाने के लिए समर्थन जुटाने की कोशिशों में लगे हैं.