यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन गुरुवार से भारत के दो दिवसीय दौरे पर हैं. मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement, FTA) पर वार्ता के लिए आईं यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष भारत की तरफ से रूस को बेचे जाने वाले दोहरे इस्तेमाल की वस्तुओं पर रोक लगाने के बारे में चर्चा कर सकती हैं. भारत में फिनलैंड के राजदूत किमो लाहदेविर्ता (Kimmo Lähdevirta) ने यह जानकारी दी है.
राजदूत लाहदेविर्ता ने कहा कि भारतीय कंपनियां रूस को इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सैन्य और वाणिज्यिक इस्तेमाल में आने वाली वस्तुएं बेच रही हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा कर भारतीय कंपनियों को रूस पर लगे प्रतिबंधों को दरकिनार नहीं करना चाहिए.
उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि रूस को इन वस्तुओं को हासिल करने से रोकना एक "जिम्मेदार राष्ट्र" होने का हिस्सा है. राजदूत का कहना है कि रूस इन वस्तुओं का इस्तेमाल यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में कर सकता है.
वॉन डेर लेयेन और अन्य यूरोपीय संघ के अधिकारी मुक्त व्यापार समझौते पर वार्ता में भारतीय बाजार को अधिक पहुंच योग्य बनाने, कारों और शराब जैसी वस्तुओं पर भारत के उच्च टैरिफ को कम करने पर चर्चा करेंगे. यह जानकारी यूरोपीय संघ के एक अधिकारी ने इस हफ्ते की शुरुआत में दी. यूरोपीय अधिकारियों का भारत दौरा शुक्रवार तक चलेगा.
भारत के टैरिफ को लेकर क्या बोले राजदूत?
फिनलैंड के राजदूत लाहदेविर्ता ने कहा कि भारत यूरोपीय संघ से आने वाले सामानों पर भारी टैरिफ लगाता है. उन्होंने कहा, 'भारत में उच्च टैरिफ निश्चित रूप से यूरोपीय संघ के लिए चिंता का विषय है.'
राजदूत ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ के बीच व्यापार बढ़ने को लेकर सकारात्मक प्रगति दिखाई दे रही है. उन्होंने कहा कि हालांकि, टैरिफ और गैर-टैरिफ रुकावटों में कटौती के बिना किसी तरह का मुक्त व्यापार समझौता संभव नहीं है.
भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौता वार्ता नौ साल तक निलंबित रहने के बाद 2022 में फिर से शुरू हुई थी.
भारत रूस को दोहरे इस्तेमाल वाली वस्तुओं का दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता
अक्टूबर में ब्लूमबर्ग न्यूज ने बताया कि भारत रूस को दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं का दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बन गया है. चीन रूस को सबसे अधिक इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य दोहरे इस्तेमाल वाली वस्तुएं निर्यात करता है.
यूरोपीय संघ के प्रतिबंध दूतों और भारत के बीच दोहरे इस्तेमाल वाली सामग्री को रूस तक पहुंचने से रोकने के तरीकों पर विचार करने के लिए अक्टूबर में बैठक हुई थी.
रूस भारत का एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार है, जो हथियारों और कच्चे तेल का शीर्ष आपूर्तिकर्ता है. भारत ने यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस की आलोचना नहीं की है और युद्ध को खत्म करने के लिए कूटनीति और बातचीत की वकालत की है.
गुरुवार को विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि भारत और यूरोपीय संघ प्रतिबंधों के उल्लंघन का मुद्दा सुलझाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं.