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कोरोना: 12 से 17 साल के बच्चों को दी जाएगी मॉडर्ना! चार सप्ताह में लगेंगी दो डोज

यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी का कहना है कि 12 से 17 वर्ष की आयु के 3,700 से अधिक बच्चों में शोध से पता चला है कि मॉडर्ना वैक्सीन जोकि पहले से ही पूरे यूरोप में एडल्ट्स को दी जा चुकी है, बेहतरीन एंटीबॉडी के रूप में रिस्पॉन्स दे रही है. 

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मॉडर्ना वैक्सीन (सांकेतिक तस्वीर)
मॉडर्ना वैक्सीन (सांकेतिक तस्वीर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी ने की सिफारिश
  • चार सप्ताह के अंतराल में दी जाएंगी दो डोज

यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी ने मॉडर्ना की COVID-19 वैक्सीन को 12 से 17 साल के बच्चों के लिए मंजूरी देने की सिफारिश की है. ऐसे में यह पहली बार है जब 18 साल से कम उम्र के लोगों के लिए शॉट को अधिकृत किया गया है. 

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एजेंसी का कहना है कि 12 से 17 साल की उम्र के बच्चों में स्पाइकवैक्स वैक्सीन का इस्तेमाल 18 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों की तरह ही होगा. यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी ने कहा कि चार सप्ताह के गैप को रखते हुए दो इंजेक्शन लगाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि 12 से 17 वर्ष की आयु के 3,700 से अधिक बच्चों में शोध से पता चला है कि मॉडर्ना वैक्सीन जोकि पहले से ही पूरे यूरोप में एडल्ट्स को दी जा चुकी है, बेहतरीन एंटीबॉडी के रूप में रिस्पॉन्स दे रही है. 

अब तक फाइजर और उसके जर्मन पार्टनर बायोएनटेक द्वारा बनाई गई वैक्सीन उत्तरी अमेरिका और यूरोप में बच्चों के लिए एकमात्र विकल्प रही है. अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन ( U.S. Food and Drug Administration) इस बारे में विचार कर रहा है कि 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए मॉडर्ना वैक्सीन के उपयोग को बढ़ाया जाए या नहीं.

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बता दें कि भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के तबाही मचाने के बाद तेजी से वैक्सीन्स को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी जा रही है. पिछले महीने ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने मॉडर्ना वैक्सीन को भी इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी थी. वैक्सीन की डोज भारतीय दवा निर्माता कंपनी सिप्ला द्वारा आयात की जाएगी.

 

 

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