रूस और यूक्रेन में पिछले 8 महीने से युद्ध जारी है. पिछले कुछ दिनों में रूस ने यूक्रेन पर हमले तेज कर दिए हैं. ऐसे में कीव में मौजूद भारतीय दूतावास ने एडवाइजरी जारी की है. भारतीयों को तुरंत देश छोड़ने के लिए कहा गया है. यह एडवाइजरी रूसी हमलों में तेजी आने के बाद आई है.
एडवाइजरी में इस बात का जिक्र
कीव में भारतीय दूतावास ने एडवाइजरी में कहा, 'बिगड़ती सुरक्षा स्थिति और हाल ही में जंग में बगड़ते हालात को देखते हुए, भारतीय नागरिकों को यूक्रेन की यात्रा न करने की सलाह दी जाती है.' एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि वर्तमान में यूक्रेन में रह रहे छात्रों सहित भारतीय नागरिकों को उपलब्ध साधनों से जल्द से जल्द यूक्रेन छोड़ने की सलाह दी जाती है.
लागू होगा मार्शल लॉ
उल्लेखनीय है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को एक कानून पर हस्ताक्षर किए हैं. इस कानून के तहत यूक्रेन के जिन चार इलाकों को रूस ने अलग करने की घोषणा की थी, वहां मार्शल लॉ लागू हो जाएगा. रूस के इस कदम को अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन माना जा रहा है. ये चार इलाके हैं- खेरसोन, जेपोरिजिया, दोनेत्स और लुहांस्क. हालांकि इन चारों इलाकों को रूस अभी पूरी तरह से अपने नियंत्रण में नहीं ले पाया है. उसे यूक्रेन की सेना से कड़ी टक्कर मिल रही है. दरअसल रूस इन इलाको में अपने नेताओं को कमान सौंपने के बाद अपने 60,000 लोगों को बसाने जा रहा है.
रूस ने यूक्रेन में बढ़ाए ड्रोन हमले
मौजूदा समय में यूक्रेन रूस द्वारा ड्रोन हमलों से जूझ रहा है. रूस ने सोमवार को ही यूक्रेन पर दर्जनों 'कामिकेज' ड्रोन लॉन्च किए, पॉवर हाउस पर हमला किया और कई नागरिकों को मार भी डाला. हमले के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि देश में बिजली स्टेशनों को निशाना बनाया जा रहा है.
माहौल बिगड़ने की आशंका
गौरतलब है कि बीतते वक्त के साथ यह युद्ध और ज्यादा आक्रामक रूप लेता जा रहा है. वहीं यूक्रेन भी घुटने टेकने को तैयार नहीं है. पश्चिमी देश उसे रक्षा उपकरण उपलब्ध करवा रहे हैं. ऐसे में आशंका है कि यूक्रेन में स्थिति बिगड़ सकती है.
भारत ने चलाया था रेस्क्यू मिशन
इस युद्ध की शुरुआत फरवरी महीने में हुई थी. रूस ने 24 फरवरी को सुबह यूक्रेन पर हमला किया. भारत ने आक्रमण के बाद एक बड़े पैमाने पर निकासी अभियान चलाया. इसके तहत छात्रों सहित कई नागरिकों को बाहर निकाला गया, जो कि युद्ध की गोलीबारी में फंस गए थे.