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सीनेट कमेटी के समक्ष बयान देंगे कोमी, ट्रंप की मुश्किलें बढ़ी

सीनेटर रिचर्ड बर्र ने कहा कि कमेटी साल 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्तक्षेप पर खुफिया एजेंसी के आकलन में कोमी की भूमिका जानना चाहती है.

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जेम्स कोमी और डोनाल्ड ट्रंप
जेम्स कोमी और डोनाल्ड ट्रंप

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अमेरिका के बर्खास्त FBI डायरेक्टर जेम्स कोमी ने पिछले साल हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूस के कथित दखल मामले पर कांग्रेस के खुले सत्र में सीनेट की खुफिया समिति के समक्ष बयान देंगे. इससे ट्रंप की मुश्किलें बढ़ गई हैं. सीनेट सलेक्ट कमेटी ऑन इंटेलीजेंस के चेयरमैन रिचार्ड बर्र ने कहा कि मेमोरियल डे के बाद इस खुली सुनवाई की तिथि तय की जाएगी.

सीनेटर रिचर्ड बर्र ने कहा कि कमेटी साल 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्तक्षेप पर खुफिया एजेंसी के आकलन में कोमी की भूमिका जानना चाहती है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोमी को एफबीआई प्रमुख के पद से अचानक बर्खास्त करके सबको हैरान कर दिया था, जिसके बाद से राजनीतिक बवाल पैदा हो गया था.

मामले से नाराज विपक्ष ने पिछले साल के आम चुनाव में कथित रूसी हस्तक्षेप की जांच के लिए एक विशेष अभियोजक की नियुक्ति की अपील की है. बर्र ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि मीडिया में आ रही हालिया खबरों पर वह अमेरिकी लोगों के समक्ष स्पष्टीकरण देंगे. कमेटी के रैंकिंग सदस्य सीनेटर मार्क वार्नर ने उम्मीद जताई कि कोमी के बयान से ट्रंप द्वारा बर्खास्त किए जाने के बाद उठ रहे कुछ सवाल के जवाब पाने में मदद मिलेगी. कोमी को अमेरिकी जनता को अपनी दास्तां सुनाने का अधिकार है.

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ट्रंप ने FBI प्रमुख को बर्खास्त करने की शेखी बघारी
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक ट्रंप ने पिछले हफ्ते रूसी विदेश मंत्री और राजदूत से FBI जेम्स कोमी को हटाने की शेखी बघारी थी. अमेरिकी अखबार ने कहा कि ट्रंप ने रूस से कहा कि कोमी को हटाने से मामले की जांच का दबाव कम हुआ है. रूस मामले के चलते वह ज्यादा दबाव में थे. व्हाइट हाउस के प्रेस सेक्रेटरी सीन स्पाइसर ने भी इस बात से इनकार नहीं किया है.

एक सवाल के जवाब में उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि कोमी के रूसी मामले की जांच का राजनीतिकरण करने की वजह से अमेरिकी प्रशासन को दिक्कत हो रही थी. रूस के साथ संबंध को लेकर परेशानी बढ़ रही थी, जिसके चलते उनको बर्खास्त किया गया. वहीं, जेम्स कोमी का मानना है कि ट्रंप उन पर प्रभाव डालने की कोशिश कर रहे थे. सीनेट कमेटी ने न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर से जुड़े दस्तावेज भी मांगे हैं.

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