जब भी दफ्तर में आपके कम्प्यूर या लैपटॉप पर वायरस आता है तो अकसर सीधे-सीधे ये आरोप लगा दिया जाता है कि आपने कोई गलत लिंक क्लिक किया होगा या कोई पॉर्न साइट देखी होगी, लेकिन अब खुलासा हुआ है कि इस मामले में बॉस भी कुछ कम नहीं. आपको बता दें कि ज्यादा पॉर्न साइट देखने से डिवाइस पर वायरस का खतरा बढ़ जाता है.
अकसर कर्मचारियों पर ये आरोप लगता रहता है कि वे इंटरनेट पर मौजूद ऐसा-वैसा लिंक कर देते हैं, जिससे दफ्तर की सुरक्षा में सेंध लग जाती है. लेकिन अब एक अध्ययन से खुलासा हुआ है कि सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने में कंपनी के बॉस भी पीछे नहीं हैं.
थ्रेटट्रैक सिक्यूरिटी की रिसर्च से खुलासा हुआ है कि 40 फीसदी सिक्यूरिटी प्रोफेशनल्स ने पाया कि उनके कंपनी के सीनियर बॉस के डिवाइस (कम्प्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल) पर वायरस का हमला इसलिए हुआ क्योंकि उन पर पॉर्न वेबसाइट देखी गई थी. वहीं, 60 फीसदी सिक्यूरिटी प्रोफेशनल्स ने बताया कि उन्होंने अपने कंपनी के सीनियर अफसरों के डिवाइस से उस वक्त वायरस हटाया है जब वे किसी गलत लिंक पर क्लिक कर देते हैं या उन्हें किसी फिशिंग मेल (ऐसी ईमेल्स का मकसद पासवर्ड जैसी पसर्नल जानकारी हासिल कर पैसे चुराना होता है. साइबर क्रिमिनल इनका इस्तेमाल करते हैं.) से धोखा मिलता है.
यही नहीं, 45 फीसदी ने कहा कि उन्हें सीनियर अफसर के डिवाइस पर तब भी वायरस मिला जब उन्होंने अपने घर के किसी सदस्य को उसका इस्तेमाल करने दिया. इसके अलावा एक तिहाई सिक्यूरिटी प्रोफेशनल्स ने कहा कि उनकी कंपनी के अफसरों के मोबाइल पर इसलिए वायरस था क्योंकि उन्होंने खराब एप्प डाउनलोड की थी.
आपको बता दें कि इस सर्वे में अमेरिका की बड़ी बिजनेस कंपनियों में काम करने वाले 200 सिक्यूरिटी प्रोफेशनल्स को शामिल किया गया था.