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मुश्किल वक्त में साथ चलेंगे भारत-अफगानिस्तान: सुषमा स्वराज

भारत ने अफगानिस्तान को आश्वासन दिया है कि वह उसके साथ संकट के समय में कंधे से कंधा मिलकर चलेगा और उसे रक्षा और प्रतिरक्षा समेत महत्वपूर्ण क्षेत्र में हर संभव सहायता देगा.

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Sushma Swaraj
Sushma Swaraj

भारत ने अफगानिस्तान को आश्वासन दिया है कि वह उसके साथ संकट के समय में कंधे से कंधा मिलकर चलेगा और उसे रक्षा और प्रतिरक्षा समेत महत्वपूर्ण क्षेत्र में हर संभव सहायता देगा. अफगानिस्तान दौरे पर गईं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यह आश्वासन देते हुए कहा कि भारत मदद के लिये यहां आया है और इसके लिये ‘यहां खड़ा रहेगा.’

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अफगानिस्तान में लोकतांत्रिक तरीके से सत्ता हस्तांतरण की तैयारियों के बीच विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई ने मंगलवार को यहां इस देश की राजनीतिक व सुरक्षा स्थिति पर व्यापक बातचीत की. सुषमा ने राष्ट्रपति करजई से कहा कि भारत अफगानिस्तान का पहला सामरिक भागीदार है और अफगानिस्तान की स्थिरता और सुरक्षा की चुनौतियों से निपटने में उसकी मदद करेगा.

वापसी की तैयारी में हैं नाटो सेनाएं
उन्होंने यह आश्वासन ऐसे समय में दिया है जबकि इस युद्धग्रस्त देश से नाटो सेनाएं वापसी की तैयारियों में हैं. अफगानिस्तान की एक दिन की यात्रा पर पहुंचीं सुषमा ने कहा, ‘अफगानिस्तान में बदलाव का यह मुश्किल दौर रहा है. भारत हमेशा अफगानिस्तान का पहला रणनीतिक भागीदार बना रहेगा. हम अफगानिस्तान के लोगों के मजबूत, स्वतंत्र, संगठित और समृद्धि से भरपूर अफगानिस्तान के सपने का समर्थन करते हैं, जिसके लिये कई अफगानियों ने भारी बलिदान दिया है.’

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सुषमा ने कहा, ‘भारत, अफगान सरकार और उसके लोगों के महान लक्ष्य को साकार करने के लिये वह सब कुछ करने को तैयार है जो हमारी क्षमताओं और पहुंच के दायरे में है.’ विदेश मंत्री ने यहां 4 करोड़ डॉलर की लागत से तैयार भारतीय दूतावास के भवन का उद्घाटन करते हुए कहा, ‘भारत आया है तो यहां खड़ा रहेगा.’

राष्ट्रपति करजई से की मुलाकात
विदेश मंत्री के तौर पर पहली बार अफगानिस्तान की यात्रा पर पहुंचीं सुषमा स्वराज हवाईअड्डे से सीधे राष्ट्रपति भवन गईं जहां उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर करजई से बातचीत की. अफगान अधिकारियों ने बताया कि दोनों देशों ने सुरक्षा सहयोग बढ़ाने का फैसला किया है और भारत सैन्य हार्डवेयर आपूर्ति के अफगानिस्तान के आग्रह पर विचार करने पर सहमत हो गया. चूंकि नाटो की सेना देश से अपने सुरक्षाकर्मी हटाने की तैयारी में है, अफगानिस्तान चाहता है कि भारत उसकी सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में मदद करे.

अफगानिस्तान भारत से सैनिक साजो-सामान और हथियार प्रणाली की आपूर्ति करने का अनुरोध करता रहा है. सूत्रों ने कहा कि अफगानी पक्ष ने भारत को अपनी सुरक्षा जरूरतों से अवगत करा दिया है. स्वराज की यह यात्रा इस लिहाज से भी अहम है कि वह ऐसे समय में अफगानिस्तान की यात्रा कर रही हैं जबकि नाटो सेनाओं की वापसी के बाद इस देश में तालिबान और अल-कायदा से जुड़े तत्वों के फिर से सिर उठाने का खतरा बढ़ा है.

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विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज इस राष्ट्रीय ध्वज स्मारक के उद्घाटन के मौके पर भारत सरकार और जनता की ओर से अफगान जनता को बधाई दी. उन्होंने कहा, ‘मैं इस मौके पर राष्ट्रीय ध्वज स्मारक को ऐसे सार्वजनिक स्थल के रूप में विकसित करने की योजना के लिए भारत के 10 लाख डॉलर के योगदान की घोषणा करना चाहती हूं जहां पूरे अफगानिस्तान के लोग राजधानी काबुल का दौरा करते समय आ सकते हैं.’

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