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PAK से पुलवामा का बदला पेरिस में, FATF से ब्लैकलिस्ट कराएगा भारत

जुलाई 2018 में एफएटीएफ पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल चुका है. इस संस्था में फिलहाल 35 देश और दो क्षेत्रीय संगठन-यूरोपियन कमीशन और गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल शामिल हैं.

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पुलवामा में आतंकी हमला (रॉयटर्स)
पुलवामा में आतंकी हमला (रॉयटर्स)

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पुलवामा में आतंकी हमला होने के बाद भारत फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीफ) को पाकिस्तान के खिलाफ डॉजियर सौंपने की तैयारी कर रहा है. एफएटीफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकी फंडिंग की मॉनिटरिंग करता है. भारत डॉजियर सौंप कर पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट कराने की तैयारी में है.

पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के फिदायीन हमले के बाद देश की सुरक्षा एजेंसियां पुख्ता सबूत इकट्ठा कर रही हैं, ताकि एफएटीएफ में पाकिस्तान को बेनकाब किया जा सके. जैश पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन है जिसका प्रमुख मौलाना मसूद अजहर है. अभी हाल में बहावलपुर में उसके एक आलीशान बंगले और आतंकी ठिकाने का पता चला है.

एक सुरक्षा अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि डॉजियर में जैश के पाकिस्तान के साथ संबंधों को उजागर किया जाएगा और यह बताया जाएगा कि कैसे इस आतंकी संगठन को पाकिस्तान से मदद मिलती है. डॉजियर में जैश के पिछले आतंकी हमलों का भी पूरा ब्योरा दिया जाएगा. एफएटीएफ के अलावा भारत अपना डॉजियर पाकिस्तान को भी सौंपेगा ताकि आगे कोई कार्रवाई हो सके. भारत एफएटीएफ पर पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट करने का दबाव बनाएगा. पेरिस स्थित इस वैश्विक आर्थिक संगठन की बैठक 17 से 22 अप्रैल तक चलेगी जिसमें कई देशों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं.

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एफएटीएफ में ब्लैकलिस्ट होने का मतलब होगा पाकिस्तान दुनिया में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग नहीं कर रहा है. इसमें आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग को ध्यान में रखते हुए किसी देश को ब्लैकलिस्ट करने का प्रावधान है. पाकिस्तान अगर ब्लैकलिस्ट हो जाता है तो दुनिया की अन्य आर्थिक संस्थाएं जैसे कि आईएमएफ, वर्ल्ड बैंक, एडीबी, ईयू, मूडी, एसएंडपी और फिच पाकिस्तान के साथ कारोबार को खतरनाक सूची में डाल देंगे.

जुलाई 2018 में एफएटीएफ पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल चुका है. इस संस्था में फिलहाल 35 देश और दो क्षेत्रीय संगठन-यूरोपियन कमीशन और गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल शामिल हैं. नॉर्थ कोरिया और ईरान एफएटीएफ में पहले से ब्लैकलिस्ट हैं.

भारत ने कहा है कि पुलवामा हमले की जिम्मेदारी लेने वाला आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद पाकिस्तान का है. विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के उस आश्वासन को गंभीरता से नहीं लिया है जिसमें पुलवामा हमले की जांच की बात कही गई है. विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत ने पाकिस्तान की तरफ से द्विपक्षीय संबंधों पर कोई रचनात्मक कदम उठाते नहीं देखा है और वह आतंकवादियों और जैश जैसे आतंकवादी संगठनों को शरण देता रहा है. मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मांग के बावजूद इस्लामाबाद ने ऐसे आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया है.

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भारत की यह प्रतिक्रिया पाकिस्तान की विदेश सचिव के पुलवामा हमले में पाकिस्तान की भूमिका से इनकार करने के बाद आया. गुरुवार को जम्मू कश्मीर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर हुए हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "संगठन और उसका शीर्ष नेतृत्व पाकिस्तान में है. लश्कर-ए-तैयबा और अन्य आतंकवादी संगठनों ने हमले की खबरों का स्वागत किया है. ये संगठन भी पाकिस्तान में मौजूद हैं. पाकिस्तान यह दावा नहीं कर सकता कि वह इन संगठनों की मौजूदगी और उनकी गतिविधियों से अनजान है."

दूसरी ओर पाकिस्तान ने भारत के आरोपों को कोरा आक्षेप बताते हुए पुलवामा आतंकी हमले में किसी भी संलिप्तता से इनकार किया है. एक तरफ भारत दुनिया के कई देशों को पाकिस्तान की 'असलियत' बता रहा है तो दूसरी ओर पाकिस्तान भी कई देशों में अपना पक्ष रख रहा है. पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के कई देशों के सामने अपनी बात रखी है. इसमें वहां की विदेश सचिव तहमीना जंजुआ अहम भूमिका निभा रही हैं.

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