टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर अंतर्राष्ट्रीय वॉचडॉग FATF ने पाकिस्तान को 27 सूत्री वर्कप्लान दे रखा है. इसके तहत पाकिस्तान को टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने की दिशा में सख्त कदम उठाने हैं.
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प्राप्त जानकारी के मुताबिक पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व इमरान खान सरकार में आर्थिक मामलों के मंत्री हम्मद अजहर कर रहे हैं. पाकिस्तान की ओर से जो रिपोर्ट सौंपी गई है, उसमें 27 सूत्री वर्कप्लान के कम से कम 14 बिन्दुओं पर उठाए गए कदमों का हवाला दिया गया है.
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पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि 14 बिन्दुओं पर अमल हो चुका है. 11 और बिन्दुओं पर भी आंशिक तौर पर कार्रवाई हुई है. कम से कम दो बिन्दु ऐसे हैं जिन पर अमल संभव नहीं है.
FATF ने कहा- और सख्त करें कानून
दूसरी ओर FATF ने कहा है कि पाकिस्तान को अपने कानूनों को और सख्त बनाना चाहिए. साथ ही टेरर फाइनेंसिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए जो संगठन या व्यक्ति जिम्मेदार हैं, उन्हें कानूनी उपायों से अंजाम तक पहुंचाना चाहिए.
हाफिज सईद को सजा का भी दिया हवाला
पाकिस्तान ने FATF को प्रभावित करने के इरादे से अपने बचाव में जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद से जुड़े मामले का भी हवाला दिया है. हाफिज को टेरर फाइनेंसिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के दो मामलों में साढ़े पांच-साढ़े पांच साल की सजा सुनाई गई है. दोनों सजाएं साथ चलेंगी.
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पाकिस्तानी अधिकारियों के मुताबिक इस सजा से साबित होता है कि देश का न्यायिक तंत्र स्वतंत्र है और कोर्ट हर केस के गुण-दोष के मुताबिक फैसले सुनाती है.
एंटी टेरर कोर्ट ने हाफिज को सुनाई थी सजा
बता दें कि एंटी टेरर कोर्ट ने हाफिज को चैरिटी संस्थाओं, उनके दफ्तरों और संसाधनों को मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग के लिए दुरुपयोग करने का दोषी माना. ATC ने हाफिज पर 15,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है.
पाकिस्तान को ग्रे सूची से बाहर आने की उम्मीद
पाकिस्तान की ओर से उठाए गए कदमों की FATF में 21 फरवरी 2020 तक समीक्षा की जानी है. पाकिस्तान को भरोसा है कि वो FATF को संतुष्ट करने में कामयाब रहेगा और ग्रे सूची से बाहर आ जाएगा. दूसरी ओर विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान को और 6 महीने के लिए ग्रे सूची में रखे जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.