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चांद पर यान भेजने के लिए पहली बार किसी निजी कंपनी को मिला लाइसेंस

कंपनी ने बताया कि अमेरिका के इस अहम नीतिगत फैसले के बाद 'मून एक्सप्रेस' को चांद की सतह पर पहला रोबोटिक शटल भेजने का हक मिल गया है. इससे पहले कोई भी निजी कंपनी पृथ्वी की कक्षा से बाहर नहीं भेजा गया है और अभी तक बाहरी कक्षा में जो भी अंतरिक्ष यान भेजे गए हैं, वे सरकारी एजेंसियों की ओर से ही भेजे गए हैं.

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2010 में हुई थी कंपनी की शुरुआत
2010 में हुई थी कंपनी की शुरुआत

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संघीय विमानन प्रशासन (एफएए) ने अतंरिक्ष में यान भेजने और उसे चांद पर उतारने के लिए पहली बार एक निजी अमेरिकी कंपनी को लाइसेंस जारी किया है. कंपनी इस यान को चांद पर भेजने का काम अगले साल शुरू करेगी. इस कंपनी के सह-संस्थापक एक भारतीय-अमेरिकी हैं.

कंपनी ने बताया कि अमेरिका के इस अहम नीतिगत फैसले के बाद 'मून एक्सप्रेस' को चांद की सतह पर पहला रोबोटिक शटल भेजने का हक मिल गया है. इससे पहले कोई भी निजी कंपनी पृथ्वी की कक्षा से बाहर नहीं भेजा गया है और अभी तक बाहरी कक्षा में जो भी अंतरिक्ष यान भेजे गए हैं, वे सरकारी एजेंसियों की ओर से ही भेजे गए हैं.

'मून एक्सप्रेस' के सह-संस्थापक ने क्या कहा?
'मून एक्सप्रेस' के सह-संस्थापक और अध्यक्ष नवीन जैन ने कहा, ‘मून एक्सप्रेस के लिए अब आकाश भी सीमा नहीं है. यह तो शुरुआत है. अपने भविष्य को सुरक्षित करने और अपने बच्चों के लिए अंतहीन संभावनाओं के द्वार खोलने के लिए अंतरिक्ष यात्रा ही एक रास्ता है. भविष्य में हम वहां से बहुमूल्य संसाधन, धातु और चांद के पत्थरों को यहां धरती पर लाने का सपना देख सकते हैं.’

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2010 में हुई थी कंपनी की शुरुआत
इस कंपनी की शुरुआत 2010 में अंतरिक्ष मामलों के विशेषज्ञ डॉ. बॉब रिचर्ड्स, नवीन जैन, उद्यमी और कृत्रिम बुद्धिमता व अंतरिक्ष तकनीक के जानकार डॉ. बार्ने पेल ने मिलकर की थी. इसकी स्थापना के पीछे इनका साझा उद्देश्य व्यावसयिक अंतरिक्ष खोज और नई जानकारियों में अगुआ बनना है.

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