अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए गुरुवार को दिन काफी बुरा साबित हुआ. अमेरिकी फेडरल कोर्ट ने एक निचले कोर्ट के उस आदेश को सही ठहरा दिया है जिसके मुताबिक छह मुस्लिम देशों के यात्रियों के अमेरिका आने पर ट्रंप की बैन योजना पर रोक लगाई गई थी. ट्रंप की यह एक महत्वाकांक्षी योजना थी जिसके तहत उन्होंने कहा था कि मुस्लिम बहुल जनसंख्या वाले छह देशों के यात्रियों को अमेरिका नहीं आने दिया जाएगा.
इसके पहले गुरुवार को ही इजरायली संसद में ट्रंप के प्रस्तावित भाषण को निरस्त कर देने की खबर आई. इसके अलावा मैनचेस्टर हमले से जुड़ी जानकारी लीक होने पर ब्रिटिश अधिकारी काफी नाराज हुए और ब्रिटेन ने यह चेतावनी दी कि वह अमेरिका से ऐसी गोपनीय जानकारियां साझा करना बंद कर देगा.
गत मार्च महीने में हवाई की एक स्थानीय अदालत ने ट्रंप प्रशासन द्वारा दूसरी बार ट्रैवल बैन को पेश करने की कोशिश को रोक दिया था और कहा था कि यह भेदभावपूर्ण तथा मनमाना आदेश है.
ट्रंप ने मुस्लिम देशों के यात्रियों के अमेरिका आने से रोक के नए कार्यकारी आदेश पर 6 मार्च को दस्तखत किए थे. इस आदेश में 27 जनवरी को पहले जारी आदेश के मुकाबले कई बदलाव किए गए थे, ताकि अदालती को संतुष्ट किया जा सके. दूसरे आदेश में इराक को बैन सूची से बाहर कर दिया गया था.
साथ ही ग्रीन कार्ड होल्डर, स्थायी अमेरिकी नागरिकों, अमेरिकी वीजा पहले से रखने वाले लोगों को छूट देने की बात की गई थी. लेकिन कोर्ट इनसे संतुष्ट नहीं हुआ. ट्रंप प्रशासन ने कहा था कि ये आदेश सिर्फ सीरिया, लीबिया, ईरान, सोमालिया, सूडान और यमन पर लागू होंगे.