डीईए ने साल के अंत में चौंकाने वाला एलान किया. जब्त हुए ड्रग्स के बारे में बताते हुए साफ किया कि साल 2022 में 10 हजार पाउंड फेंटानिल पावडर की खेप मिली. लोग डॉक्टर के लगभग 50.6 मिलियन फेक प्रिस्क्रिप्शन बनाकर इसे ले रहे हैं, जबकि इसकी बहुत छोटी मात्रा भी जानलेवा होती है. एडमिनिस्ट्रेशन ने माना कि आने वाले समय में यही ड्रग अमेरिका के लिए सबसे बड़ा खतरा बन सकता है.
क्या है फेंटानिल?
यूएस सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक ये सिंथेटिक ओपिऑइड है. मतलब वो केमिकल जो दिमाग के खास हिस्से पर काम करते हुए दर्द को मैनेज करने में मदद करता है. मॉफीन से लेकर कई ऐसे ओपिऑइड हैं, जो गंभीर दर्द से जूझते मरीजों को या सर्जरी के बाद दर्द का अहसास कम करने के लिए दिए जाते हैं. फेंटानिल सिंथेटिक ड्रग है क्योंकि वो लैब में बनाया जाता है. ये मॉर्फिन से 100 गुना ज्यादा स्ट्रॉन्ग, जबकि हेरोइन जैसे खतरनाक ड्रग से भी 50 गुना ज्यादा तेज होता है. इससे अंदाज लग सकता है कि फेंटानिल कितना खतरनाक है.
क्या कहते हैं आंकड़े?
लैब में इसे बनाना आसान है, इसलिए इसका प्रोडक्शन बढ़ गया और युवा डॉक्टर की फेक पर्चियां बनाकर या ब्लैक में इसे खरीद रहे हैं. डार्क वेब पर भी ड्रग्स आसानी से मिल जाते हैं. अमेरिका के लगभग 125 मिलियन लोग किसी न किसी उम्र में मारिजुएना ले चुके थे, वहीं 39 मिलियन ने कोकीन और 28 मिलियन ने सिंथेटिक ड्रग्स लिया. ये आंकड़ा 2020 का है, जिससे साफ है कि बहुत बड़ी अमेरिकी आबादी ड्रग्स में इन्वॉल्व होती है.
कैसे पहुंचता है अमेरिका?
फेंटानिल की बात करें तो इसकी ज्यादातर खेप अवैध तरीके से चीन से होते हुए मैक्सिको बॉर्डर से आती है. डीईए आरोप लगा चुका है कि चीन में अवैध तरीके से सिंथेटिक ड्रग तैयार हो रहा है, जो साजिश की तरह अमेरिका या दूसरे देशों को भेजा जाता था ताकि वहां के युवा नशे की लत में पड़ जाएं और अर्थव्यवस्था चरमरा जाए. याद दिला दें कि पहले ब्रिटेन ने भी यही तरीका अपनाते हुए चीन को चाय के बदले नशा देने की शुरुआत की थी. साल 1839 में चीन के तत्कालीन राजा डाओग्वांग ने इसपर रोक लगा दिया, जिसपर भड़के हुए ब्रिटेन ने उसपर हमला बोल दिया. तब नशे से कमजोर हुए चीनी सैनिक बुरी तरह से हारे थे. आज भी उस जंग को अफीम युद्ध कहा जाता है. यानी ऐतिहासिक ढंग से देखा जाए तो शायद चीन भी अब यही तरीका अपना रहा हो ताकि अमेरिका कमजोर पड़ने लगे.
स्ट्रीट ड्रग की तरह मिलने वाले फेंटानिल के कई कोड नाम हैं, जैसे चाइना गर्ल, चाइना टाउन, चाइना वाइट, डांस फीवर, गुड फेलास, ही-मैन, पॉइजन, टेंगो और कैश.
मेडिसिन फॉर्म की भी सप्लाई हो रही
अमेरिका में फेंटानिल फिलहाल दो रूपों में मिल रहा है- लिक्विड और पाउडर फॉर्म. युवा ज्यादातर पाउडर खरीद रहे हैं क्योंकि इसे दूसरे ड्रग्स के साथ मिलाना आसान होता है. इससे तैयार नशा और ज्यादा घातक होता है अगर मात्रा मिलाने में जरा भी चूक हो जाए. वैसे पेनकिलर के तौर पर भी इसे कैंसर की सर्जरी या किसी भी बड़ी सर्जरी के बाद दिया जाता है, लेकिन लिमिटेड मात्रा में. यहां तक कि डॉक्टर पर्ची पर ये भी लिखते हैं कि कितने दिनों बाद इस पर्ची को एक्सपायर मान लिया जाए. ये इसलिए क्योंकि ड्रग एडिक्ट पर्ची को ही फोटोशॉप करके नई तारीख डालकर दवा न खरीद लें, हालांकि पूरी एहतियात के बाद भी ये हो रहा है.
कितना खतरनाक है ये?
बहुत ज्यादा. इसकी पेंसिल की नोंक बराबर भी मात्रा जानलेवा है. ओवरडोज के बाद मौत में कई घंटे या दिन नहीं लगते, बल्कि कुछ मिनटों के भीतर सब खत्म हो जाता है. सबसे डरावनी बात है कि इसका कोई स्वाद या गंध नहीं होती. इससे होता ये है कि सस्ता होने के कारण ड्रग्स के दलाल कोई दूसरा नाम लेकर इसे बेच देते हैं और एडिक्ट इसकी अनापशनाप मात्रा ले लेते हैं. अमेरिका में पिछले साल की जुलाई से, जून 2022 के बीच 1 लाख से ज्यादा लोगों की ड्रग-ओवरडोज से मौत हुई. वे अनजाने ही फेंटानिल ले रहे थे.
अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन का डाटा और डराता है. उसके मुताबिक ड्रग ओवरडोज लेने वालों में 10 से 18 साल तक के युवा ज्यादा हैं. यहां तक कि 2019 से लेकर अगले दो सालों में ड्रग्स लेने वाले टीन-एजर्स में 109 प्रतिशत का इजाफा हुआ.