
फिलिस्तीन के समर्थन में दुनिया के कई देशों में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं. इसी क्रम में शनिवार को लंदन में फिलिस्तीन के समर्थन में करीब 3 लाख लोग सड़कों पर उतर आए. जिसका दक्षिणपंथी गुटों ने विरोध किया. इस दौरान उन्होंने रैली को बाधित करने की कोशिश भी की. इसे लेकर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के धुर दक्षिणपंथी गुट के लगभग 100 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. इस दौरान हालात इतने बिगड़ गए कि दक्षिणपंथी गुटों और पुलिस के बीच जमकर हाथापाई हुई.
पुलिस ने कहा कि मार्च का विरोध करने वाले धुर दक्षिणपंथी समूह मध्य लंदन में भारी संख्या में मौजूद थे, जिसके कारण सेनोटाफ युद्ध स्मारक के पास, संसद भवन के पास और वेस्टमिंस्टर में अधिकारियों के साथ झड़पें हुईं. अधिकारियों ने दक्षिणपंथी गुट के प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की, जिनमें से कुछ ने उन पर बोतलें फेंकीं. सड़कों पर बढ़ते तनाव को देखते हुए भारी मात्रा में पुलिसबल मौके पर भेजा गया.
लंदन के मेयर सादिक खान और स्कॉटलैंड के मंत्री हमजा यूसुफ ने आंतरिक मंत्री सुएला ब्रेवरमैन को दक्षिणपंथ को प्रोत्साहित करने के लिए दोषी ठहराया, क्योंकि उन्होंने सप्ताह की शुरुआत में पुलिस पर फिलिस्तीनी समर्थक भीड़ का पक्ष लेने का आरोप लगाया था. सादिक खान ने सोशल मीडिया पर कहा कि सेनोटाफ में दक्षिणपंथी लोगों द्वारा अव्यवस्था के जो दृश्य हमने देखे, वे गृह सचिव के शब्दों का प्रत्यक्ष परिणाम हैं.
पुलिस ने कहा कि फिलिस्तीन समर्थक रैली में बहुत भीड़ थी और अब तक इससे संबंधित कोई घटना नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि वे दोनों समूहों को टकराने नहीं देंगे. हम ऐसा होने से रोकने के लिए हमारे पास उपलब्ध सभी शक्तियों और रणनीति का उपयोग करेंगे. पुलिस ने कहा कि अव्यवस्था को रोकने के लिए लगभग 2,000 अधिकारी ड्यूटी पर रहेंगे. सेनोटाफ पर 24 घंटे का पहरा लगा दिया गया है.
फिलिस्तीन एकजुटता अभियान के आयोजकों में से एक बेन जमाल ने बताया कि रैली में 10 लाख लोग थे. उन्होंने कहा कि यह शांतिपूर्ण तरीके से निकाली जा रही थी. लेकिन उन्होंने कहा कि रैली में जो हुआ वह बहुत गंभीर था, ऐसा नहीं होना चाहिए था.
पीएम सुनक ने की प्रदर्शनकारियों से अपील
वहीं, पीएम ऋषि सुनक ने प्रदर्शनकारियों से मार्च आगे न बढ़ाने का आग्रह किया, जबकि गृह सचिव ने इसे हेयर मार्च करार दिया और व्यवधान डालने वालों के खिलाफ "कड़ी कार्रवाई" की चेतावनी दी. पुलिस ने बताया कि दक्षिणपंथी गुट के लोग स्मारकों की सुरक्षा का दावा करते हुए जल्दी पहुंच गए, लेकिन कुछ पहले से ही नशे में थे और आक्रामक थे. वह टकराव की बात कर रहे थे.
पुलिस ने यहूदियों को लेकर कही ये बात
लंदन के यहूदी समुदायों पर प्रभाव को स्वीकार करते हुए पुलिस ने कहा कि हम उनके डर और चिंताओं को पूरी तरह से पहचानते हैं, यूरोपीय संसद के पूर्व सदस्य लांस फोरमैन (यहूदी) ने मध्य पूर्व के इतिहास के बारे में व्यापक अज्ञानता, यहूदी विरोधी विचारों को बढ़ावा देने का हवाला देते हुए पुलिस, मीडिया और शैक्षणिक प्रतिष्ठानों पर निराशा व्यक्त की. फ़ोरमैन ने कहा कि मार्च में शामिल हर कोई यहूदियों के ख़िलाफ़ नस्लवादी नहीं है, लेकिन कई लोग हैं. उन्होंने कहा कि इजरायली केवल शांति से रहना चाहते हैं, यह इच्छा 1948 में राज्य की स्थापना के बाद से बनी हुई है.