scorecardresearch
 

Iran: महसा अमीनी के समर्थकों से भरी जेल में लगी आग, 8 की मौत

ईरान के तेहरान की एविन जेल में बीते शनिवार को भीषण आग लगी थी. इस आग में अब तक आठ लोगों के मरने की खबर है. हालांकि, मौत के आंकड़ों को लेकर सरकार मानवाधिकार समूहों के निशाने पर है. इस जेल में राजनीतिक कैदियों और विरोधियों को रखा जाता है. महसा अमीनी के समर्थक भी इसी जेल में बंद हैं.

Advertisement
X
ईरान की एविन जेल (Photo: AP)
ईरान की एविन जेल (Photo: AP)

ईरान की राजधानी तेहरान की एक जेल में भीषण आग लगने से आठ कैदियों की मौत हो गई है जबकि 61 कैदी गंभीर रूप से झुलस गए हैं. यह आग तेहरान की कुख्यात एविन जेल में शनिवार को लगी. इस जेल में खासतौर पर राजनीतिक कैदियों और सरकार विरोधियों को रखा जाता है.

Advertisement

ईरान सरकार ने जेल में लगी आग पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि शनिवार को कैदियों के बीच झड़प के बाद यह आग लगी. लेकिन मानवाधिकार समूहों ने सरकार की इस सफाई को सिरे से नकार दिया है. उनका कहना है कि उन्हें सरकार के इस बयान पर संदेह है और मृतकों का आंकड़ा इससे बहुत अधिक हो सकता है. 

ईरान सरकार ने जेल में लगी आग का कारण बताते हुए कहा था कि शनिवार को जेल में कैदियों के बीच आपस में झड़प हुई थी, जिसके बाद कुछ कैदियों ने जेल के भीतर एक वर्कशॉप में आग लगा दी. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उन्होंने जेल परिसर के भीतर से गोलियां चलने की आवाज सुनाई दी थी.

ईरान की न्यायपालिका का कहना है कि आग में एविन जेल के चार कैदी गंभीर रूप से झुलस गए थे, जिनकी बाद में अस्पताल में मौत हो गई.  ईरान के न्यायपालिका प्रमुख गोलामहुसैन मोहसेनी इजेई का कहना है कि यह आग दुश्मनों से जुड़े कुछ शरारती तत्वों ने आग लगाई है. 

Advertisement

सरकार का तथ्य छिपाने का लंबा इतिहास

ऑस्लो के ईरान ह्यूमन राइट्स (आईएचआर) ने तथ्य छिपाने के ईरान सरकार के लंबे इतिहास का हवाला देते हुए आग लगने के कारणों को खारिज किया है. समूह ने कहा कि एविन जेल में लगी आग में मारे गए कैदियों की संख्या आधिकारिक आंकड़ें से अधिक हो सकतती है. 

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि भ्रम की स्थिति उस समय पैदा हुई जब सरकारी टेलीविजन ने रविवार को ऐलान किया कि जेल में लगी आग से 40 लोगों की मौत हुई है. लेकिन इसके कुछ ही मिनटों बाद इसमें सुधार कर इसकी संख्या चार बताई गई. 

बता दें कि ईरान की जेल में आग लगने की यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब पूरा देश 22 साल की एक लड़की की पुलिस हिरासत में हुई मौत के बाद से उबल रहा है. महसा अमीनी की मौत के बाद हिजाब के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों को अब एक महीना हो गया है लेकिन विरोध की यह आग तेजी से फैलती जा रही है. 

मालूम हो कि अमीनी की 16 सितंबर को पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. पुलिस ने उसे 13 सितंबर को गिरफ्तार किया था. आरोप था कि तेहरान में अमिनी ने सही तरीके से हिजाब नहीं पहना था जबकि ईरान में हिजाब पहनना जरूरी है. अमिनी को गिरफ्तार कर पुलिस स्टेशन ले जाया गया. वहां तबीयत बिगड़ी तो अमिनी को अस्पताल ले जाया गया. तीन दिन बाद खबर आई कि अमिनी की मौत हो गई.

Advertisement

World News: ईरान में 'एंटी-हिजाब क्रांति' कैसे भड़की?

Advertisement
Advertisement