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अरुणाचल में हुए तनाव पर सामने आया चीन का पहला बयान

चीन के कौंसुल जनरल झा लियोउ ने कहा कि 2022 कोई आसान साल नहीं था. पिछले साल दुनिया में शांति नहीं थी. हमने शंघाई सहयोग संघटन जैसे कई अवसरों पर काम किया. इससे दुनिया को एक संदेश भी गया कि बड़े देश किस तरह मिलकर काम कर सकते हैं.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

पिछले साल अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प के बाद पहली बार चीन का बयान आया है. चीन ने 2023 में भारत के साथ बातचीत की टेबल पर ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की बात कही है.

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चीन के कौंसुल जनरल झा लियोउ ने आज तक से बातचीत में कहा कि 2022 कोई आसान साल नहीं था. पिछले साल दुनिया में शांति नहीं थी. हमने शंघाई सहयोग संघटन जैसे कई अवसरों पर काम किया. इससे दुनिया को एक संदेश भी गया कि बड़े देश किस तरह मिलकर काम कर सकते हैं.

लियोउ ने कहा कि 2023 में अधिक से अधिक बातचीत पर फोकस होना चाहिए. हम उम्मीद करते हैं कि इस साल अधिक से अधिक बातचीत होगी. फिलहाल ऐसी कोई बातचीत की रूपरेखा तैयार नहीं हुई है. लेकिन जल्द ही होगी. 

9 दिसंबर को हुई थी झड़प

अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीनी सेना और भारतीय सेना के बीच नौ दिसंबर को झड़प हुई थी. इसे लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद को बताया था कि 9 दिसंबर को हुई झड़प में भारतीय सैनिकों ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीनी सैनिकों की घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर उन्हें बाहर खदेड़ दिया.

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया था कि इस झड़प में किसी भी भारतीय सैनिक का निधन नहीं हुआ है और ना ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है. वहीं चीन ने इस झड़प का ठीकरा भारतीय सेना पर फोड़ दिया था. चीनी सेना ने आरोप लगाया कि भारतीय सेना के जवानों ने अवैध तरीके से विवादित सीमा को पार किया था, जिसकी वजह से झड़प शुरू हुई.

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