Madeleine Albright: अमेरिका की पहली महिला विदेश मंत्री मेडलीन अलब्राइट का 85 साल की उम्र में कैंसर से निधन हो गया. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने अलब्राइट को 1996 में अमेरिका का टॉप डिप्लोमेट बनाया था. मेडलीन ने क्लिंटन के कार्यकाल के अंतिम 4 साल मजबूती के साथ सरकार में रहकर काम किया. वे अमेरिका की 64वीं विदेश मंत्री थीं.
मेडलीन क्लिंटन के कार्यकाल में अमेरिका के इतिहास में सबसे ऊंची रैंक हासिल करने वाली महिला थीं. हालांकि, मेडलीन कभी राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल नहीं हो पाईं. इसका कारण था उनका चेकोस्लोवाकिया (Czechoslovakia) का मूलनिवासी होना. मेडलीन का जन्म 15 मई 1937 को चेकोस्लोवाकिया की राजधानी प्राग में हुआ था. उनके परिवार ने 1939 में चिकोस्लोवाकिया से भागकर अमेरिका में शरण ली थी. उस समय चेकोस्लोवाकिया पर नाजियों ने कब्जा कर लिया था. मेडलीन तब लंदन में थीं.
शरणार्थी बनकर चेकोस्लोवाकिया से आकर अमेरिका में बसने के बाद भी मेडलीन ने काफी तरक्की की थी. अमेरिकी विदेश मंत्री बनने के बाद उन्होंने ही कोसोवो में चल रहे संघर्ष में क्लिंटन प्रशासन को सैन्य तौर पर शामिल होने का दबाव डाला था. मेडलीन ने क्यूबा पर भी सख्त रुख अपनाया था.
ओबामा ने कहा था- मेडलीन का जीवन प्रेरणा
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा (Barack Obama) ने 2012 में मेडलीन को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान मेडल ऑफ फ्रीडम (Medal of Freedom) से सम्मानित किया था. ओबामा ने कहा था कि मेडलीन का जीवन सभी अमेरिकियों के लिए एक प्रेरणा है.
अमेरिकी राजनीति में मुखरता के लिए जानी जाती थीं
अमेरिका की राजनीति में अलब्राइट को अपनी मुखरता के लिए जाना जाता था. उन्होंने कई बार पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्लू बुश की आलोचना की. दरअसल, बुश कूटनीति को बढ़ावा देने के लिए गठजोड़ की जगह ताकत का इस्तेमाल करने पर भरोसा रखते थे. बुश ने अरब के उदारवादी नेताओं को खदेड़कर यूरोप के सहयोगी देशों के बीच भी दरार की संभावना बढ़ा दी थी. मेडलीन इसके खिलाफ थीं.