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कंगाल और बदहाल पाकिस्तान को चीन के बैंक से मिला 70 करोड़ डॉलर का कर्ज

पाकिस्तान को चीन से बड़ा सहारा मिला है. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के विदेशी मुद्रा भंडार में शुक्रवार को बड़ी वृद्धि दर्ज की गई क्योंकि देश को चीन डेवलप्मेंट बैंक से 70 करोड़ डॉलर मिले हैं. वित्त मंत्री इशाक डार ने ट्विटर पर घोषणा की, "अल्हम्दुलिल्लाह ! स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान को चीन डेवलप्मेंट बैंक से आज 70 करोड़ डॉलर की धनराशि मिली."

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

कंगाली और बदहाली की स्थिति में पहुंच चुके पाकिस्तान को चीन से बड़ा सहारा मिला है. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के विदेशी मुद्रा भंडार में शुक्रवार को बड़ी वृद्धि दर्ज की गई क्योंकि देश को चीन डेवलप्मेंट बैंक से 70 करोड़ डॉलर मिले हैं. वित्त मंत्री इशाक डार ने ट्विटर पर घोषणा की, "अल्हम्दुलिल्लाह ! स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान को चीन डेवलप्मेंट बैंक से आज 70 करोड़ डॉलर की धनराशि मिली."बता दें कि पाकिस्तान पहले से भी चीन के कर्ज में है.

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दरअसल, आर्थिक संकट में डूबा पाकिस्तान IMF समेत पूरी दुनिया के देशों से कर्ज की मांग कर चुका है. लेकिन सभी जगहों से उन्हें खाली हाथ ही लौटना पड़ा है. ऐसे में अब पाकिस्तान को चीन से ये मदद बड़ा सहारा है. हालांकि बीते दिनों ये भी खबर आई थी कि पाकिस्तान उम्मीद लेकर दुनिया के सबसे शक्तिशाली परिवारों में शामिल राथ्सचाइल्ड फैमिली के पास पहुंचा है. राथ्सचाइल्ड परिवार राथ्सचाइल्ड एंड कंपनी नाम से मल्टीनेशनल फाइनेंसिंग कंपनी चलाता है. यह कोई छोटी-मोटी लोन कंपनी नहीं, बल्कि कई देशों को लोन देने वाली अरबों-खरबों की फर्म है. यह कंपनी अब तक करीब 30 देशों को फाइनेंशियल मदद मुहैया कराकर उन्हें डिफाल्टर होने से बचा चुकी है.

गौरतलब है कि कर्ज के जाल में फंस चुके पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से बदहाल है. सरकारी खजाना खाली हो चुका है. पाकिस्तानी अखबारों के मुताबिक, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 3 अरब डॉलर से भी कम रह गया है. यह राशि 15 दिनों के आयात के लिए ही पर्याप्त है. आईएमएफ के एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान 126 अरब अमेरिकी डॉलर के कर्ज में है. इनमें सबसे ज्यादा कर्ज लगभग 30 अरब अमेरिकी डॉलर का कर्ज चीन का है.

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'कोई एक दिन में कंगाल नहीं होता'

पाकिस्तान में जारी आर्थिक बदहाली पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने टिप्पणी की है. उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान का भविष्य काफी हद तक उसके अपने कार्यों और उसकी पसंद से निर्धारित होता है. विदेश मंत्री ने कहा कि यह पाकिस्तान पर निर्भर करता है कि वह अपनी आर्थिक परेशानियों से कैसे बाहर निकले. भारत की ओर से श्रीलंका को दी गई मदद का उल्लेख करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत ने गंभीर आर्थिक संकट में श्रीलंका की मदद की. लेकिन भारत और श्रीलंका के बीच संबंध पाकिस्तान से बिल्कुल अलग हैं.

समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "कोई भी व्यक्ति अचानक और अकारण ही किसी कठिन परिस्थिति में नहीं पहुंचता है. पाकिस्तान के साथ आज हमारा ऐसा कोई संबंध नहीं है कि हम सीधे उस प्रक्रिया (मदद) में शामिल हो सकें. यह हमारे पड़ोसी देश पर निर्भर है कि वे इससे उबरने के लिए कोई रास्ता निकालें."

 

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