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ब्रिटेन: बोरिस जॉनसन के पीछे हटने के बाद भी ऋषि सुनक के सामने ये 2 बड़ी चुनौतियां

बोरिस जॉनसन ने प्रधानमंत्री की रेस से अपना नाम वापस लेकर ऋषि सुनक का दोवेदारी को काफी मजबूत कर दिया है. लेकिन क्या वाकई अब सुनक के लिए ये लड़ाई इतनी आसान हो गई है, जितनी नजर आ रही है? ऋषि के पास इस समय करीब 150 कंजर्वेटिव सांसदों का समर्थन है, लेकिन 132 सांसद ऐसे भी हैं, जिन्होंने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं.

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बोरिस जॉनसन/ऋषि सुनक (File Photo)
बोरिस जॉनसन/ऋषि सुनक (File Photo)

ब्रिटेन की सियासत बेहद रोचक मोड़ पर आ पहुंची है. पीएम की कुर्सी के लिए दमखम के साथ दावेदारी कर रहे बोरिस जॉनसन खुद ही रेस से बाहर हो गए हैं. अब मुकाबला भारतवंशी ऋषि सुनक और पेनी मोर्डेंट के बीच है. ब्रिटेन की संसद में कुल 650 सांसद हैं. पिछले चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी के 357 सांसद जीते थे और सरकार बनाई थी. बोरिस जॉनसन से लेकर लिज ट्रस और ऋषि सुनक तक सभी इस पार्टी से ही सांसद हैं.

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ऋषि सुनक की बात करें तो 145 से लेकर 155 सांसदों का समर्थन पीएम पद के लिए उन्हें मिल चुका है. ब्रिटिश मीडिया के मुताबिक ऋषि सुनक की दावेदारी इसलिए ज्यादा मजबूत हो गई है, क्योंकि उनकी प्रतिद्वंद्वी पेनी मोर्डेंट को महज 25 सांसदों का ही समर्थन प्राप्त है. पीएम पद की रेस छोड़ने से पहले बोरिस जॉनसन 100 से ज्यादा सांसदों के समर्थन का दावा कर रहे थे, लेकिन उन्हें असल में 50 से 55 सांसदों का समर्थन ही मिल पाया था. इसलिए उन्होंने इस दौड़ से दूर रहने में ही अपनी भलाई समझी.

किसके पाले में जाएंगे जॉनसन समर्थक?

बोरिस जॉनसन के कदम पीछे खींच लेने के फैसले को ऋषि सुनक के लिए 'गोल्डन चांस' बताया जा रहा है. लेकिन ये लड़ाई उतनी आसान नहीं है, जिनती नजर आ रही है. दरअसल, ऋषि सुनक को करीब 150 सांसदों का स्पष्ट समर्थन है. वहीं, पेनी मोर्डेंट के पास 25 सांसद हैं. इसके अलावा 50 सांसदों का समर्थन अब तक बोरिस जॉनसन को था.

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132 सांसद करेंगे भाग्य का फैसला!

अब तक खुल कर सामने आ चुके सभी सांसदों को मिला दें तो ये संख्या 225 पहुंचती हैं. यानी ब्रिटेन की सत्ताधारी कंजर्वेटिव पार्टी के 357 में से 132 सांसदों ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. ये किसे अपना समर्थन देंगे ये राज कायम है. इन सांसदों का समर्थन भी हार-जीत में अहम रोल अदा करेगा. इसके अलावा बोरिस जॉनसन के कदम पीछे खींच लेने पर अब उनके 50 सांसदों को भी ऋषि सुनक या पेनी मोर्डेंट में से किसी एक को अपना नेता चुनना होगा. ये सांसद भी हार-जीत में भूमिका निभाएंगे.

पहले भारतीय मूल के PM बनेंगे सुनक!

अगर ऋषि सुनक जीतते हैं तो वह यूके के पीएम बनने वाले भारतीय मूल के पहले शख्स होंगे, जो कि एतिहासिक पल होगा. भारतीय मूल के सुनक जानी-मानी आईटी कंपनी इनफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद हैं. वह ब्रिटेन के वित्त मंत्री भी रह चुके हैं. ऋषि सुनक जब 2015 में जब पहली बार सांसद बने थे तब उन्होंने भगवत गीता पर हाथ रख कर शपथ ली थी.

बोरिस को क्यों देना पड़ा इस्तीफा?

कुछ महीनों पहले जब बोरिस जॉनसन के इस्तीफे के बाद कंजर्वेटिव पार्टी से किसी को पीएम चुना जाना था. तब उस रेस में ऋषि सुनक दूसरे नंबर पर रहे थे और लिज ट्रस पीएम बनी थीं. अब लिज ट्रस के हटने के बाद उनके पीएम बनने के चांस फिर से प्रबल हैं. सुनक के पास प्लस प्वाइंट यह है कि उन्होंने कोविड महामारी के दौरान ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को अच्छे से हैंडल किया. लेकिन उनके सामने एक बड़ी चुनौती भी है. दरअसल, पार्टी के सदस्य मानते हैं कि उन्होंने ही बोरिस जॉनसन को धोखा दिया, जिसकी वजह से इस्तीफे और फिर अब दोबारा इस्तीफे की नौबत आई.

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