पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का जीवन बेहद कठिन होता जा रहा है. वहां रह रहे हिंदुओं को बहुत कठिन परिस्थितियों से गुजरना पड़ रहा है. उनकी लड़कियों का अपहरण कर लिया जाता है और जबर्दस्ती उनका धर्म परिवर्तन करवा दिया जाता है.
मूवमेंट फॉर पीस एंड सॉलिडेरिटी इन पाकिस्तान (एमएसपी) के मुताबिक पिछले साल 700 ईसाई और 300 हिंदू लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया. इतना ही नहीं उनकी इच्छा के विरुद्ध उनकी शादियां मुसलमानों से करवाई गई. एमएसपी ने बताया है कि 12 से 25 साल उम्र की लड़कियों का पहले अपहरण कर लिया जाता है, फिर उन्हें इस्लाम कबूल करने को कहा जाता है. उसके बाद उसका किसी से निकाह करवा दिया जाता है.
वैसे यह दिखाया जाता है कि उसने स्वेच्छा से इस्लाम कबूल किया है. इससे उसके अपहरणकर्ताओं के खिलाफ मामला खत्म हो जाता है. मुसलमान बनते ही उसकी जिंदगी नरक हो जाती है. उसके साथ बुरा व्यवहार होता है. उसके साथ बलात्कार होता है और कई बार तो उसे वेश्यालय में धकेल दिया जाता है.
यह रिपोर्ट उस समय आई जब सिंध में भी अब कट्टरवाद सिर उठाने लगा है. यह पाकिस्तान का अपेक्षाकृत शांत इलाका रहा है और यहां सूफियों का जबर्दस्त प्रभाव रहा है. वहां सदियों से हिंदू-मुस्लिम मिलकर रहे हैं. अब वहां भी यह सब शुरू हो गया है. पाक की राष्ट्रीय असेंबली में कई हिंदू सांसद हैं.
हर प्रांतीय असेंबली और सीनेट में भी हिंदू सांसद हैं. वहां की सरकार से कहा जा रहा है कि वह जबरन धर्म परिवर्तन करवाने के खिलाफ ऑर्डिनेंस लाए. इसके लिए वह पेनाल्टी वगैरह का भी प्रावधान करे. पाक में अल्पसंख्यकों की दुर्दशा राज्य की बड़ी असफलता है. यह बताता है कि सरकार इस्लाम में वर्णित धर्म निरपेक्षता को बनाए रखने में विफल रही है.