पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ के निधन की खबर की पुष्टि होने के बाद देश के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने रविवार को अपने ट्विटर प्रोफाइल पिक्चर बदल ली है. जानकारी के मुताबिक भुट्टो ने अपनी दिवंगत मां बेनजीर भुट्टो और दिवंगत नवाब अकबर बुगती की तस्वीर को प्रोफाइल पिक्चर बनाया है. इतना ही नहीं, विदेश मंत्री की ओर से शोक संदेश का कोई औपचारिक संदेश नहीं आया है. दरअसल, बेनजीर भुट्टो की हत्या के बाद मुशर्रफ पर आरोप लगे थे.
एजेंसी के मुताबिक पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल ने अपनी दिवंगत मां बेनजीर भुट्टो की चार तस्वीरें शेयर की हैं. उन्होंने इसका कैप्शन लिखा है कि "तू जिंदा रहेगी बेनजीर". इसके साथ ही उनकी बहन आसिफा भुट्टो जरदारी ने भी वही तस्वीरें उसी कैप्शन के साथ पोस्ट कीं हैं. तस्वीरों में से एक फोटो में बेनजीर के लिए न्याय की मांग करती एक छोटी सी कविता भी है.
Tu zinda rahygi Benazir ♥️ pic.twitter.com/BQLZX7Etkv
— BilawalBhuttoZardari (@BBhuttoZardari) February 5, 2023
दरअसल, दिसंबर 2007 में रावलपिंडी में एक चुनावी रैली के दौरान एक हमले में बेनजीर भुट्टो की मौत हो गई थी. हालांकि तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ से उनकी सुरक्षा बढ़ाने की गुहार लगाई गई थी. इसमें कहा गया था कि जैमर, निजी गार्ड और अतिरिक्त पुलिस वाहन उपलब्ध कराए जाएं, लेकिन राष्ट्रपति मुशर्रफ ने उन्हें अधिक सुरक्षा मुहैया कराने से इनकार दिया था.
2006 में परवेज मुशर्रफ के आदेश पर शुरू किए गए एक सैन्य अभियान के दौरान पूर्व आंतरिक मंत्री और बलूचिस्तान के गवर्नर नवाब अकबर बुगती और 24 से अधिक कबायली मारे गए थे. जब मुशर्रफ मार्च 2013 में स्व-निर्वासन में रहने के बाद चुनाव लड़ने के लिए पाकिस्तान लौटे, तो उन्हें विभिन्न मामलों में अदालत में घसीटा गया. जिसमें 2007 में बेनजीर भुट्टो की हत्या और नवाब अकबर बुगती की हत्या का मामला भी शामिल था.
प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ के बड़े भाई नवाज शरीफ को 1999 में परवेज मुशर्रफ ने एक तख्तापलट में अपदस्थ कर दिया था. उनके निष्कासन के बाद नवाज शरीफ को मुशर्रफ के शासन के दौरान एक अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी. बाद में खाड़ी साम्राज्य के हस्तक्षेप पर शरीफ़ को सऊदी अरब में निर्वासित कर दिया गया था.
1999 में कारगिल युद्ध के सूत्रधार परवेज मुशर्रफ का लंबी बीमारी के बाद रविवार को दुबई में निधन हो गया. 79 साल के पूर्व सैन्य शासक साल 2016 से संयुक्त अरब अमीरात में थे, उनका अमेरिकी अस्पताल दुबई में एमाइलॉयडोसिस का इलाज चल रहा था.
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