अफगानिस्तान में अंतरिम सरकार बनाने के बाद तालिबान के मंत्रियों ने बैठकों का दौर भी शुरू कर दिया है. सत्ता से दूर रहने के दौरान पाकिस्तान ने तालिबान की सबसे अधिक मदद की थी, उसी देश के अधिकारियों से तालिबान की अब सबसे ज्यादा मुलाकातें हो रही हैं. कभी पाकिस्तानी की खुफिया जांच एजेंसी आईएसआई के चीफ हमीद काबुल का दौरा करते हैं तो कभी पाकिस्तान के राजदूत तालिबानी मंत्री के एक बुलावे पर मिलने चले जाते हैं.
तालिबान की अंतरिम सरकार में विदेश मंत्री मौल्वी आमिर खान मोतक्की ने काबुल में अपने दफ्तर में पाकिस्तान के राजदूत मंसूर अहमद खान से मंगलवार को मुलाकात की है. दोनों के बीच हुई मुलाकात की तस्वीरें भी जारी की गई हैं, जिसमें दोनों आमने-सामने बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं. आधिकारिक रूप से बताया गया है कि तालिबान के मंत्री और पाकिस्तान के राजदूत के बीच हुई इस बैठक में स्पिन बोल्डक और चमन के बीच लोगों के आने-जाने को लेकर विस्तृत रूप से चर्चा की गई.
दोनों देशों के बीच किस मुद्दे पर हुई चर्चा?
पाकिस्तान के राजदूत ने पाकिस्तान में शरणार्थियों के पुनर्वास की सुविधा का भी वादा किया है. इसके साथ ही मानवीय सहायता और द्विपक्षीय संबंधों पर भी तालिबान के विदेश मंत्री के साथ विस्तार से पाकिस्तानी राजदूत की बात हुई है. दोनों देशों के बीच हुई यह बैठक इसलिए भी अहम हो जाती है, क्योंकि तालिबान सरकार बनने के बाद पाकिस्तान और तालिबान एक-दूसरे को भा रहे हैं. पाकिस्तान लगातार तालिबान का हितैषी बनते हुए दुनिया से आर्थिक रूप से अफगानिस्तान को मदद मुहैया करवाने की भी अपील कर रहा है.
अमेरिका के निशाने पर आया पाकिस्तान
उधर, खुल्लम-खुल्ला तालिबान की मदद करने वाला पाकिस्तान अब दुनियाभर के देशों के निशाने पर आने लगा है. अमेरिका ने दो टूक कहा है कि वह पाकिस्तान के साथ अपने वर्तमान रिश्तों का रिव्यू करने जा रहा है. अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि आने वाले दिनों में हम पाकिस्तान के साथ अपने रिश्तों की समीक्षा करने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के हित के कई ऐसे मामले हैं, जिनका हमारे से विरोध होता है. ऐसे में आने वाले दिनों में इस बात को जरूर देखा जाएगा कि पाकिस्तान के साथ किस तरह के संबंध स्थापित किए जाते हैं.