क्यूबा के पूर्व राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री फिदेल कास्त्रो का शनिवार को निधन हो गया. उनके भाई और राष्ट्रपति राउल कास्त्रो ने इसकी घोषणा की. 90 साल के कास्त्रो काफी वक्त से बीमार चल रहे थे. साल 2008 में उन्होंने स्वेच्छा से राष्ट्रपति का पद छोड़ दिया था. लेकिन वो क्यूबा कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव बने हुए थे. कास्त्रो 1959 से दिसंबर 1976 तक क्यूबा के प्रधानमंत्री और फिर क्यूबा की राज्य परिषद के अध्यक्ष (राष्ट्रपति) रहे. फिदेल क्रांतिकारी नेता थे. फिदेल कास्त्रो का अंतिम संस्कार 4 दिसंबर को किया जाएगा.
वे एक अमीर परिवार में पैदा हुए और कानून की डिग्री प्राप्त की. जबकि हवाना विश्वविद्यालय में अध्ययन करते हुए उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की और क्यूबा की राजनीति में एक मान्यता प्राप्त व्यक्ति बन गए. उनका राजनीतिक जीवन फुल्गेंकियो बतिस्ता शासन और संयुक्त राज्य अमेरिका का क्यूबा के राष्ट्रहित में राजनीतिक और कारपोरेट कंपनियों के प्रभाव के आलोचक रहा है.
उन्हें एक उत्साही, लेकिन सीमित समर्थक मिले और उन्होंने अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया. उन्होंने मोंकाडा बैरकों पर 1953 में असफल हमले का नेतृत्व किया, जिसके बाद वे गिरफ्तार हो गए, उन पर मुकदमा चला, वे जेल में रहे और बाद में रिहा कर दिए गए.
कास्त्रो क्यूबा की क्रांति के जरिए अमेरिका समर्थित फुल्गेंकियो बतिस्ता की तानाशाही को उखाड़ फेंक सत्ता में आए और उसके बाद क्यूबा के प्रधानमंत्री बने. 1965 में वे क्यूबा की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रथम सचिव बन गए और क्यूबा को एक-दलीय समाजवादी गणतंत्र बनाने में नेतृत्व दिया. 1976 में वे राज्य परिषद और मंत्रिपरिषद के अध्यक्ष (राष्ट्रपति) बन गए. उन्होंने क्यूबा के सशस्त्र बलों के कमांडर इन चीफ का पद भी अपने पास ही रखा. कास्त्रो द्वारा तानाशाही की आलोचना के बावजूद उन्हें एक तानाशाह के रूप में ही चित्रित किया गया. स्वास्थ्य ठीक ना होने की वजह से कास्त्रो ने अपने पहले उपराष्ट्रपति राउल कास्त्रो, जो उनके छोटे भाई हैं को 31 जुलाई 2006 के दिन अपनी जिम्मेदारियां हस्तांतरित कर दीं.
File pictures of Former Cuban President Fidel Castro who passed away today at 90 pic.twitter.com/6Js7hvg3Ml
— ANI (@ANI_news) November 26, 2016