अकबर बुगती हत्या कांड में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को जमानत दे दी है. इसके साथ ही पूर्व सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ की नजरबंदी भी समाप्त हो गई है और उन्हें पाकिस्तान से बाहर जाने की इजाजत भी मिल गई है.
पूर्व राष्ट्रपति के वकील ने बुधवार को दावा किया था कि यह अंतिम मामला था जिसके कारण मुशर्रफ कैद में थे. उनके खिलाफ दर्ज अन्य सभी मामलों में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है. मुशर्रफ को पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या और वर्ष 2007 में आपातकाल लागू करने के मामले में भी जमानत मिल चुकी है.
मुशर्रफ के वकीलों में से एक इलियास सिद्दीकी ने बताया था, ‘जिन मामलों में उन्हें गिरफ्तार किया गया था, उसके अंतिम मामले में भी उन्हें जमानत मिल गई. अब वह आजाद हैं.’ वकील ने कहा, ‘उन्हें न्यायाधीशों और भुट्टो के मामले में पहले ही जमानत मिल चुकी है.’ मुशर्रफ की ‘ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग’ पार्टी की प्रवक्ता आसिया इसहाक ने कहा कि वह देश छोड़कर नहीं जाएंगे.
उन्होंने बताया, ‘मुशर्रफ देश छोड़कर नहीं जाएंगे. वह पाकिस्तान में रहेंगे और राजनीति से प्रेरित मुदकमों का सामना करेंगे.’ तीन न्यायाधीशों की पीठ ने 10-10 लाख रुपये के दो मुचलके के आधार पर बुगती हत्या कांड में आज मुशर्रफ को जमानत दे दी. बलुचिस्तान के हाई कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति की जमानत याचिका खारिज कर दी थी जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. आसिया ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा, यह लंबे समय से अपेक्षित था.
उन्होंने कहा, ‘यह लंबे समय से अपेक्षित था. इस बात की प्रसन्नता है कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है. पीठ ने उन्हें जमानत देने से पहले कहा कि बुगती हत्या मामले में षड्यंत्र को लेकर मुशर्रफ के खिलाफ कोई सबूत नहीं है. यह हमारे लिए अधिक महत्वपूर्ण है.’
मुशर्रफ के आदेश पर संचालित एक सैन्य अभियान में 26 अगस्त 2006 को बलूच राष्ट्रवादी नेता अकबर खान बुगती की मौत हो गयी थी. उस समय मुशर्रफ देश के राष्ट्रपति थे. बुगती ने प्रांतीय स्वायत्तता और बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों के लाभ में अधिक हिस्सेदारी के लिए दबाव बनाने के लिए एक सशस्त्र अभियान का नेतृत्व किया था. उनकी मौत को लेकर देशभर में उग्र प्रदर्शन हुए थे.
मुशर्रफ फिलहाल इस्लामाबाद में अपने घर में नजरबंद हैं. इनकी सुरक्षा में 300 पुलिसकर्मी, अर्धसैनिक कर्मी, सैनिक, और आतंकवाद निरोधक अधिकारी तैनात हैं. क्वेटा स्थित एक आतंकवाद निरोधक अदालत ने इस हत्या मामले में मुशर्रफ को अदालत में पेश करने के लिए गत 30 सितम्बर को वारंट जारी किये थे.
क्वेटा मामले में अगली सुनवायी 22 अक्टूबर को होगी. मुशर्रफ के वकीलों ने कहा है कि उनकी सुरक्षा को खतरा है इसलिए मामले को क्वेटा से बाहर स्थानांतरित किया जाना चाहिए.