करीब 5 सालों के बाद पूर्व राष्ट्रपति और तानाशाह परवेज़ मुशर्रफ रविवार को कराची लौट आए हैं. हालांकि तहरीक ए तालिबान ने उन्हें लौटते ही जान से मारने की धमकी दी है.
1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का तख्तापलट करने वाले पूर्व सेनाध्यक्ष मुशर्रफ पिछले कुछ वक्त से अपनी वतन वापसी की खबर को अंतराष्ट्रीय मीडिया में जोर शोर से भुना रहे हैं.
मुशर्रफ की वापसी पर तालिबान सख्त
मुशर्रफ का दावा है कि वही एक ऐसे शख्स है जो पाकिस्तान को मौजूदा हालात से उबार सकते हैं. तमाम सियासी पार्टियों पर भी वो तीखे हमले करते आए हैं. अब चुनावों से ठीक पहले भारत और पाक रिश्तों पर भी बयानबाजी कर पाकिस्तान की आवाम को अपने हक में मोड़ने की कोशिश कर रहे हैं मुशर्रफ हैं.
मुशर्रफ को पता था कहां छिपा है लादेन'
करीब 5 साल बाद वतन वापसी कर रहे मुशर्रफ ने चंद दिनों पहले ही साफ कर दिया था कि उनका एजेंडा पूरी तरह सियासी होगा. पाकिस्तान में 11 मई को चुनाव होने हैं. मुशर्रफ घोषणा कर चुके हैं कि उनकी पार्टी ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग इन चुनावों में हिस्सा लेगी और अब वो खुद पाकिस्तान में रह कर अपनी पार्टी का नेतृत्व करेंगे.
पाकिस्तान के पूर्व फौजी तानाशाह मुशर्रफ 2009 में अपनी मर्जी से विदेश चले गए थे. तब से वे लंदन और दुबई में रह रहे हैं. पाकिस्तान में 11 मई को अगली सरकार चुनने के लिए आम चुनाव के तारीख की घोषणा होने के बाद से ही मुशर्रफ के लौटने के कयास लगाए जाने लगे थे.
इस्लामाबाद लौटने की घोषणा के बाद से ही परवेज मुशर्रफ पर गिरफ्तारी के बादल मंडराने लगे थे लेकिन इंटरपोल ने पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को गिरफ्तार करने संबंधी आग्रह को ठुकरा दिया था. पाकिस्तान ने बेनजीर भुट्टो हत्याकांड मामले में एजेंसी से मुशर्रफ के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने का आग्रह किया था लेकिन इंटरपोल ने कहा कि ये आग्रह राजनीति से प्रेरित है.