पाकिस्तान के लाहौर में रविवार को दो चर्च में हुए शक्तिशाली बम विस्फोटों में 14 लोगों की मौत हो गई. इसके बाद हिंसा भड़क उठी, जिसके बाद प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए और एक बस टर्मिनल में लूटपाट भी की. इस जानलेवा हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान के धड़े जमातुल एहरार ने ली है.
विस्फोट पाकिस्तान के सर्वाधिक ईसाई आबादी वाले इलाके योहानाबाद में हुए. इसमें 78 लोग घायल बताए गए हैं. रोमन कैथोलिक चर्च और क्राइस्ट चर्च में रविवार की नमाज के लिए सैकड़ों नमाजी जुटे थे, उसी दौरान दो शक्तिशाली बम विस्फोट हुए. पाकिस्तान के अखबार 'डॉन' के मुताबिक, लाठियों से लैस दर्जनों लोगों ने विस्फोट के बाद शहर के मेट्रो बस टर्मिनल में लूटपाट की. इनमें से अधिकांश लोग ईसाई समुदाय के थे.
गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने विस्फोट के वक्त अपना फर्ज निभाने की बजाय एक दुकान में टीवी पर क्रिकेट मैच देख रहे पुलिसकर्मियों को पकड़ा और उनके साथ मारपीट की. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ईसाई समुदाय के एक स्थानीय नेता ने कहा कि दोनों विस्फोट चर्च के एंट्री गेट पर हुए. नेता ने कहा, 'हमलावर चर्च में दाखिल होने में सफल रहे. मृतकों की संख्या बढ़ेगी क्योंकि जिस समय विस्फोट हुआ, उस वक्त वहां सैकड़ों लोग मौजूद थे.' शुरुआती खबरों में कहा गया था कि बम विस्फोट में कथित रूप से संलिप्त एक शख्स को गुस्साई भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला. खबर यह भी है कि धमाकों को दो आत्मघाती हमलावरों ने अंजाम दिया.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इन धमाकों की निंदा करते हुए इसकी रिपोर्ट मांगी है. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के मुखिया इमरान खान ने ट्वीट करके इन धमाकों की निंदा की. उन्होंने ट्वीट किया, 'मैं कठोर शब्दों में लाहौर की चर्च के बाहर हुए धमाकों की निंदा करता हूं. यह शर्मनाक है कि सरकार ने चर्च के लिए कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं किए थे.
Strongly condemn terror blasts outside church in Lahore. Shameful how no govt protection was provided for the church.
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) March 15, 2015
पाकिस्तान में चर्च पर पहली बार हमला नहीं हुआ है. 2013 में पेशावर के कोहाटी गेट इलाके में स्थित ऑल सेंट्स चर्च पर हुए दो आत्मघाती हमलों में 80 लोग मारे गए थे और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.