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उम्र 21 साल, कुछ हफ्ते पहले आया था, जानें कौन है फ्रांस के चर्च का हमलावर?

यह हमला जब हुआ तब चर्च में अच्छी खासी संख्या में लोग प्रार्थना के लिए जुटे थे. बता दें कि नोट्रे डेम चर्च नीस शहर के सबसे बड़े चर्च में से एक है. इससे पहले भी इलाके में गोलियों की आवाज सुनाई दी थी.

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फ्रांस की आतंकी घटना पर पूरी दुनिया में गुस्सा (फोटो- पीटीआई)
फ्रांस की आतंकी घटना पर पूरी दुनिया में गुस्सा (फोटो- पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • फ्रांस के नीस शहर में चाकू से हमला
  • हमलावर ने महिला का गला काटा
  • दो अन्य लोगों की भी की निर्मम हत्या

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने फ्रांस के नीस शहर में चाकू से किए गए हमले की निंदा की है और फ्रांस के लोगों को अपना समर्थन दिया है. इससे पहले गुरुवार को नीस शहर स्थित एक चर्च में हमलावर ने चाकू से एक महिला का गला काट दिया और दो अन्य लोगों की निर्मम तरीके से हत्या कर दी. हमलावर ने जब महिला का गला काटा उस वक्त वो 'अल्लाहू अकबर' चिल्ला रहा था.

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आतंकवाद निरोधक विभाग के अधिकारी जीन फ्रैंकोइस रिचर्ड ने बताया कि गुरुवार को जिस हमलावर ने चाकुओं से हमला किया था वो ट्यूनिशियाई नागरिक था. उसका जन्म 1999 में हुआ था और यूरोप सितंबर महीने में आया था.  

अधिकारियों के मुताबिक, यह शख्स भूमध्य सागर के आइलैंड लैंपेडूसा से चलकर इटली पहुंचा था. अफ्रीका से आनेवाले प्रवासियों के लिए यही मुख्य लैंडिंग प्वाइंट है. गुरुवार को यह हमला किया गया था. 

दरअसल यह गुस्सा राष्ट्रपति मैक्रॉन के विवादित बयान के बाद भड़का था, जिसमें कहा गया था कि इस्लाम एक ऐसा धर्म है जिससे आज पूरी दुनिया में संकट में है. उनके इस बयान के बाद से ट्विटर पर हैशटैग #BoycottFrenchProducts, #BoycottFrance Products, #boycottfrance #boycott_French_products #ProphetMuhammad ट्रेंड करने लगा. बयान के बाद से वह मुस्लिम देशों की आलोचना का शिकार हो गए.

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यह हमला जब हुआ, तब चर्च में अच्छी खासी संख्या में लोग प्रार्थना के लिए जुटे थे. बता दें कि नोट्रे डेम चर्च नीस शहर के सबसे बड़े चर्च में से एक है. इससे पहले भी इलाके में गोलियों की आवाज सुनाई दी थी. नीस शहर के मेयर क्रिश्चियन एस्ट्रोसी ने कहा कि हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि मृतक में से एक चर्च का वॉर्डन है. 

यह हमला ऐसे वक्त में हुआ है, जब शार्ली हेब्दो व्यंग्य पत्रिका के कार्यालय में जनवरी 2015 में हुए नरसंहार के मामले में मुकदमा चल रहा है. पत्रिका ने पैगंबर मोहम्मद के कैरिकेचर प्रकाशित किए थे.

इससे इस्लामी दुनिया में गुस्से की लहर फैल गई थी. पत्रिका ने सितंबर में कार्टूनों को फिर से प्रकाशित किया और पिछले महीने एक युवा पाकिस्तानी व्यक्ति ने पत्रिका के पूर्व कार्यालय के बाहर दो लोगों को घायल कर दिया था. 

 

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