यूरोपीय देश फ्रांस ने पॉलुशन कंट्रोल करने के लिए महत्वपूर्ण फैसला लिया है. फ्रांस ने कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए कम दूरी की घरेलू उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है. फ्रांस सरकार ने फैसला किया है कि ढ़ाई घंटे से कम ट्रेन जर्नी वाली जगहों के लिए फ्लाइट सर्विस नहीं होगी.
हालांकि सरकार की ओर से ये भी साफ किया गया है कि इस प्रतिबंध का कनेक्टिंग फ्लाइट्स पर असर नहीं पड़ेगा. नए नियमों के तहत ट्रेन सेवाओं को भी सुचारू बनाया जा रहा है. इसके साथ ही ये भी ध्यान दिया जा रहा है कि ट्रेन सेवाएं सभी छोटे रूटों पर हों और समय पर यात्रियों को मिल सकें.
परिवहन मंत्री ने नए कानून पर क्या कहा?
फ्रांस के परिवहन मंत्री क्लेमेंट ब्यून ने कहा कि कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए यह जरूरी और अहम कदम है. हम अपनी जिंदगी से कार्बन के इस्तेमाल को कम करना चाहते हैं, इसलिए छोटी दूरी की फ्लाइट्स सही नहीं हैं. हमारा मकसद इस प्रतिबंध के जरिए प्राइवेट जेट की उड़ानों पर बंदिश लगाना है.
परिवहन मंत्री के मुताबिक, नए कानून में यह भी ध्यान रखा गया है कि छोटी यात्रा करने वाले यात्रियों को उसी रूट पर आठ घंटे बाद फिर से ट्रेन मिल सके, जिससे वे लौट सकें. बता दें कि दो साल पहले इससे जुड़े प्रस्ताव पर फ्रांस के सांसदों ने वोटिंग की थी.
क्या कहती है रिपोर्ट?
रिपोर्ट के मुताबिक, कमर्शियल फ्लाइट की तुलना में प्राइवेट जेट 14 गुना ज्यादा प्रदूषण फैलाता है, जबकि ट्रेन की तुलना में कमर्शियल फ्लाइट 77 गुना ज्यादा कार्बन प्रदूषण फैलाती है. ट्रेन की तुलना में प्राइवेट जेट पर्यावरण के लिए 50 गुना ज्यादा खतरनाक है. हालांकि एयरलाइंस का कहना है कि कोरोना वायरस की वजह से 2019 की तुलना में उड़ानें 42 फीसदी तक घट गई हैं.
सरकार के फैसले से इंडस्ट्री परेशान
वहीं फ्रांस सरकार के इस फैसले से एयरलाइंस इंडस्ट्री परेशान है. ‘एयरलाइंस फॉर यूरोप’ के चीफ ने कहा कि सरकार को प्रतिबंध के बजाए कोई ठोस समाधान करना चाहिए. राष्ट्रपति मैक्रों ने 2019 में ‘फ्रांस सिटिजन कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट’ का गठन किया था. इसमें शामिल 150 सदस्यों ने ऐसी जगहों पर विमानों को बंद करने का सुझाव दिया था, जहां चार घंटे के अंदर ट्रेन से पहुंचा जा सकता है. हालांकि कंपनियों की आपत्ति के बाद इसे घटाकर ढाई घंटे किया गया है.